अगर जीव हत्या पर तुरंत रोक नहीं लगी तो आगे भूकंप, हवा जहरीली, धूप बहुत तेज होने से आदमी झुलस-झुलस कर मरेगा

होटलों में कुत्ता बिल्ली मरे हुए बच्चे का मांस खिला दे, कोई नही पूछता, अन्न देवता के साथ खाते है

प्रकृति से छेड़छाड़ मत करो नही तो नामों निशान मिटा देगी

बावल (हरियाणा)
आज मनुष्य द्वारा शराब पीने, मांसाहार करने फिर इनकी वजह से हुई भ्रष्ट बुद्धि व मन से और अधिक बुरे कर्म करने से निरंतर बढ़ती कुदरत की नाराजगी जो अब व्यापक स्तर पर कर्मों की कठोर सजा देने को तैयार हो गयी है, उसे रोककर अपने सतसंग से,अनुभव करा कर लोगों को समझा कर बचाने में अनवरत लगे, इस समय के महापुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, त्रिकालदर्शी, परम दयालु, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 18 दिसम्बर 2022 दोपहर अलवर (राजस्थान) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित सन्देश में बताया कि जैसे छोटा बच्चा बात न माने, गंदा रहे और मां को बाप को पुकारे तो सुनकर अनसुना कर देते हैं ऐसे ही गंदे कर्म करके प्रभु को पुकारो, वो सुन भी ले तो भी अनसुना कर देता है। तो सबसे पहले आप शाकाहारी रहो। जो लोग शाकाहारी नहीं हो, शाकाहारी हो जाओ। मांस मनुष्य का भोजन नहीं है। मनुष्य का भोजन जड वस्तु है जैसे गेंहू धान ज्वार मक्का बाजरा दूध फल मेवा आदि प्रकृति ने मनुष्य के लिए बनाए हैं।

प्रकृति ने जानवरों और मनुष्यों के लिए अलग-अलग भोजन बनाया

जानवरों के लिए घास फूस पत्तियां जड़ी बूटि आदि बनाया। ऐसे जानवर मांस नहीं खाते हैं। जैसे घोड़ा गधा हाथी गाय बैल के सामने मांस डाल दो तो सूंघ करके छोड़ देते हैं, नहीं खाते हैं जबकि बुद्धि उनके नहीं होती है। चार तत्वों वाले नहीं खाते लेकिन देव दुर्लभ पांच तत्वों वाला, आकाश तत्व से मिली बुद्धि वाला मनुष्य सब खाता चला जाता है।

होटलों में कुत्ता बिल्ली मरे हुए बच्चे का मांस खिला दे कोई नही पूछता, अन्न देवता के साथ खाते चले जाते है

होटलों में जब जाते हैं तो यह कोई पूछता कि सड़ा मांस था या मुर्गा भैंसा बकरे कछुआ कुत्ता बिल्ली घोड़ा गधा का था जो घी में भूनकर अन्न देवता के साथ हमको परोस दिए हो। बस खाते चले जाते हैं, हड्डी छोड़कर चले आते हैं। कोई लड़का मर गया था, उसी को काट-कूट करके बना दिया। उंगली जब देखा बोला अरे! ये तो आदमी की उंगली है। अभी कहो आदमी का मांस खाआगे तो थप्पड़ मारेगा, गाली देगा। देखो जानवर मारकर के बेचे जाते हैं, उनका खाल मांस भी जाता है लेकिन आदमी का मांस हड्डी बेचने कोई जाए, आवाज लगाए तो कोई खरीदेगा बल्कि जूता निकालकर के सेवा कर देगा।

जानवर पूरा संयम-नियम का पालन करते हैं

समझो, जानवर होते हुए भी वह पूरा नियम का पालन करते हैं, वह नहीं खाते हैं और आदमी मांस खाता चला जा रहा है। ये जितनी भी चीजें भगवान ने बनाया मनुष्य के लिए ही बनाया है। यह (स्वास्थ्यवर्धक) हवा कैसे मिलती है? पेड़-पौधो से मिलती है इसीलिए कहा जाता है पेड़ लगाना चाहिए, काटना नही चाहिए।

प्रकृति से छेड़छाड़ मत करो नही तो नामों निशान मिटा देगी

प्रकृति को मत छेड़ो। इसकी सबको जरूरत है। प्रकृति ने ये चीजें बनाई है। प्रकृति जैसे धरती आसमान हवा पानी यही है। इसीलिए कहा जाता है इनको छेड़ो मत। इनके नियम का पालन करो नहीं तो यह नाराज हो जाएंगे। धरती हिल जाएगी, भूकंप आ जाएगा। धूप बहुत तेज होने लगेगी, झुलस-झुलस करके लोग मरेंगे। पानी की कमी हो जाएगी। जब आकाश देवता नाराज हो जाएंगे, हवा की कमी होने लग जाएगी, हवा जहरीली हो जाएगी। अभी तो बढ़िया जीने लायक हवा मिल रही है। यही गंदी ज़हरीली हवा जब अंदर मिल जाती है तो आदमी मरने लग जाता है।

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