सतीश गोयल की रिपोर्ट
कौशाम्बी। मुख्य विकास अधिकारी डॉ0 रवि किशोर त्रिवेदी द्वारा शुक्रवार को डायट मैदान, मंझनपुर में किसानों के मसीहा एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 चौधरी चरण सिंह के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित “किसान सम्मान दिवस” का शुभारम्भ एवं स्व0 चौधरी चरण सिंह के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया तथा विभिन्न विभागों द्वारा लगायी गई स्टॉलों का अवलोकन किया गया। कार्यक्रम में भूतपूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के कार्यो को याद किया गया तथा जनपद के कृषकगणों ने अपनी-अपनी समस्याओं से सम्बन्धित अधिकारियों को अवगत कराया।
मुख्य विकास अधिकारी ने प्रति हेक्टेयर अधिक से अधिक उत्पादन करने वाले प्रगतिशील कुल 74 कृषकों को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर कृषक ज्ञान सिंह पुत्र राजबहादुर निवासी ग्राम सौरई खुर्द विकासखण्ड सिराथू को गेहूॅ के अधिक उत्पादन के लिए एवं श्री हशन अहमद पुत्र श्री करीम बख्स निवासी-कड़ा चना के अधिक उत्पादन के लिए तथा श्री पवन कुमार पाण्डेय पुत्र शिवबोध ग्राम बेरौचा धान के अधिक उत्पादन के लिए प्रथम पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
उप कृषि निदेशक उदयभान सिंह गौतम द्वारा किसानों से अनुरोध किया गया कि पी0एम0-किसान सम्मान निधि के सभी किस्तों को नियमित रूप से प्राप्त करने के लिए ई-केवाईसी जरूर करायें तथा जिन खातों में पी0एम0-सम्मान निधि का पैसा आ रहा है, वे अपने खातों अथवा आधार में नाम में बदलाव न करें। इसके साथ ही कृषकों से अनुरोध किया गया कि हर स्थिति में ई-केवाईसी जरूर करायें, अन्यथा भारत सरकार द्वारा पी0एम0 सम्मान निधि की किस्तें रोक दी जायेगी।
वरिष्ठ वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र डा0 अजय सिंह द्वारा किसानों को रबी की फसलों यथा गेहूॅ, आलू, सरसों, चना, मटर इत्यादि के अधिक पैदावार के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई। योगेन्द्र सिंह, प्रबन्धक इफ्को द्वारा अवगत कराया गया कि नैनो यूरिया इफ्को केन्द्रों पर उपलब्ध है। नैनो यूरिया का प्रयोग बेहद आसान है, नैनो यूरिया तरल रूप में होता है व इसका प्रयोग 01 लीटर पानी में 04 मिली लीटर नैनो यूरिया को डालकर खड़ी फसलों में स्प्रे के मदद से डाला जा सकता है। 500 मिलीलीटर की बोतल में एक बोरी यूरिया के बराबर क्षमता पायी जाती है। नैनो यूरिया का पहला छिड़काव फसल के अंकुरण के 30 दिन बाद व दूसरा छिड़काव पहली स्प्रे के 20-25 दिन बाद किया जाता है। प्रति एकड़ 30 मिली0 का प्रयोग किया जाता है। इसका मूल्य परम्परागत यूरिया से कम होता है व उत्पादन 8 प्रतिशत अधिक होता है।
सांसद प्रतिनिधि श्री जय सिंह पटेल द्वारा कृषकों के समस्याओं के निराकरण के लिए आश्वासन दिया गया तथा कृषकों को अवगत कराया गया कि वे आपके आय को दोगुना करने हेतु केन्द्र एवं राज्य सरकार प्रयासरत हैं।
अन्त में जिला कृषि अधिकारी, मनोज कुमार गौतम द्वारा धन्यवाद ज्ञापित कर कार्यक्रम समाप्त की गयी।