बाबा उमाकान्त जी महाराज का नव वर्ष सतसंग व नामदान कार्यक्रम उज्जैन में 31 व 1 जनवरी को, सभी सपरिवार आमंत्रित

ठंड में ध्यान, भजन साधना करने का सुनहरा मौका, इसी मौसम में जीवात्मा को परमात्मा तक पहुंचा दो

परमार्थी काम भोजन खिलाने, भंडारा चलाने, कंबल टोपा बांटने आदि करते रहो

बावल (हरियाणा)
इतने जप-तप, पूजा-पाठ, यज्ञ-हवन आदि होने पर भी देवता खुश क्यों नहीं हो रहे, इसका वास्तविक कारण बताने वाले, बाहरी जड़ पूजा से आत्मा को फायदा नहीं मिलता तो फिर जीवात्मा को जीते जी मुक्ति मोक्ष कैसे मिलेगा, वो अनमोल रास्ता नामदान का बताने वाले, उस रूहानी दौलत को लुटाने वाले, विश्वविख्यात निज धाम वासी सन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, वक़्त के महापुरुष सन्त सतगुरु दुःखहर्ता त्रिकालदर्शी परम दयालु उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने अति दया कर भक्तों की अर्जी मंजूर की है। महाराज जी का नव वर्ष का सतसंग व नामदान कार्यक्रम पिछले कार्यक्रमों की तरह उनके उज्जैन आश्रम पर 31 दिसम्बर दोपहर 1 बजे से व 1 जनवरी को प्रात: 8 बजे से समय परिस्थिति अनुकूल होने पर होगा। महाराज जी सतसंग में लोक और परलोक दोनों बनाने का तरीका बताएंगे। घर-परिवार में किसी भी तरह की यानी सभी तरह की मुसीबत-बीमारियों में आराम मिलने का तरीका जयगुरुदेव नामध्वनि के साथ-साथ आत्मा के कल्याण, जीते जी मुक्ति मोक्ष प्राप्त करने, देवी-देवताओं के दर्शन, आकाशवाणी ब्रह्म वाणी सुनने का, बंधनों से मुक्ति का सीधा सरल रास्ता नामदान सभी जाति, धर्म के मानने वालों को बाबा उमाकान्त जी महाराज निःशुल्क बताएंगे। ज्ञातव्य है कि इनके दर्शन करने, सतसंग सुनने, नामदान लेने व अपनी बात कह देने से ही दुःख तकलीफ, परेशानियों में आराम मिलने लगता है। सतसंग के बाद भोजन भंडारा का भी प्रबंध है। ये कार्यक्रम पूरी तरह निःशुल्क है। कृपया सरकारी निर्देशों (सावधानियों) का पालन करें, सभी को सादर आमंत्रण। महाराज जी के नए-पुराने सतसंग व लाइव प्रसारण अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर होता है।

नये वर्ष में कार्यक्रम कई जगहों पर करने का विचार

महाराज जी ने 21 दिसंबर 2022 प्रातः बावल रेवाड़ी (हरियाणा) में बताया कि जहां रुकता हूं वहां भी दिन-रात कुछ न कुछ करता रहता हूं। अभी पुराने आश्रम उज्जैन जाऊंगा जहां प्रतिवर्ष नए वर्ष का कार्यक्रम होता है। तो 31 दिसंबर और 1 जनवरी का कार्यक्रम वहाँ करूंगा। उसके बाद नए वर्ष में कई जगह कार्यक्रम होता है। उधर मुंबई में जाऊंगा फिर गुजरात और अन्य जगह पर जहां-जहां पर हमारी मांग है, उन जगहों पर जाने का मेरा विचार बना हुआ है। बीच में जरूरत पड़ेगी तो यहां रेवाड़ी आ जाऊंगा। आप लोग भी अपने अपने हिसाब से गृहस्थी का काम करते हुए पर परमार्थ में ज्यादा समय निकालने की कोशिश करो ।

ठंड के मौसम में ध्यान, भजन खूब करो, नींद आने लगे तो थोड़ा सा खोल तो नींद हो जाएगी रफूचक्कर

देखो इस समय रात बड़ी होती है। खूब मौका रहता है। सुबह उठ गए, हाथ मुंह धो लिया कि आलस्य दूर हो जाए और अपना ओढ़ करके बैठ गए। कान में उंगली लगाए आवाज को पकड़ने की कोशिश करते रहे। आंख बंद किया, ध्यान लगाते रहे, बहुत अच्छा मौका है। नींद आने लगे तो थोड़ा रजाई खोल दो। जब ठंडी हवा आएगी तो नींद अपने आप रफूचक्कर हो जाएगी। इसलिए बहुत अच्छा समय भजन ध्यान करने का इस समय पर रहता है।

जो जिस चक्कर में फंसे हो सब छूट जाएगा ध्यान, भजन करके तो देखो

नए-पुराने सब लोग जो लोग नामदान लिए हो आप सब भजन, ध्यान करना। करके तो देखो। जब करोगे तो बाकी सब छोड़ दोगे। जो भी जहां पर आप फंसे हुए हो, जिस चक्कर में फंसे हो, सब चक्कर छूट जाएगा। बस केवल यही चिंता यही चक्कर रहेगा जैसे ही मौका मिले आंख बंद करो, ध्यान लगाओ । करके तो देखो।

परमार्थी काम भोजन खिलाने भंडारा चलाने कंबल टोपा बांटने का करते रहो

उज्जैन आश्रम पर 31 तारीख और 1 तारीख को नए वर्ष का कार्यक्रम प्रतिवर्ष जबसे आश्रम बना वहीं पर होता रहा है। बहुत से लोग नए वर्ष का सतसंग सुनने के लिए आते हैं, वहां जाना जरूरी है । बराबर आप लोग लगे रहो, संगत का काम, सुमिरन, ध्यान, भजन, साप्ताहिक व मासिक सतसंग करते रहो। यह परमार्थी काम, रोटी खिलाने का, भंडारा चलाने, कंबल-टोपा बांटने का आदि सब जो आप करते हो, बराबर करो। साथ ही साथ प्रभु और गुरु को याद करते रहो । बोलो जयगुरुदेव।

error: Content is protected !!