वज्रपात सुरक्षा एवं जन-जागरूकता कार्यक्रम का लेफ्टिनेंट जनरल/उपाध्यक्ष उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं जिलाधिकारी ने किया उद्घाटन

प्रयागराज संवाददाता सतीश चंद्र की रिपोर्ट

तीन जिलों के 4000 अधिकारियों के प्रशिक्षण व वज्रपात से सबसे ज्यादा प्रभावित सोनभद्र जिले के 637 गावों मे जन-जागरूकता का लक्ष्य

वज्रपात से प्रदेश मंे हर साल होती है लगभग 300 लोगों की जनहानि, जनपद सोनभद्र, मिर्जापुर व प्रयागराज सबसे ज्यादा प्रभावित

  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा निर्देशों के क्रम में वज्रपात के प्रति सबसे संवेदनशील तीन जिलों सोनभद्र, मिर्जापुर एवं प्रयागराज मे सरकारी अधिकारियों और समुदायों की क्षमता को विकसित करने की सक्रिय पहल के फलस्वरूप उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण  (UPSDMA) ने “वज्रपात सुरक्षा जन जागरूकता कार्यक्रम” को निष्पादित करने के लिए टाइम्स सेंटर फॉर लर्निंग लिमिटेड के तकनीकी सहयोग से पायलट प्रोजेक्ट के तहत अगले 2-3 महीनों मंे सोनभद्र, मिर्जापुर एवं प्रयागराज मंे जनपद, ब्लॉक एवं ग्राम स्तर पर वृहद कार्यशालाएं आयोजित करके 45 प्रखंडों के लगभग 4000 अधिकारियों और सबसे ज्यादा प्रभावित जनपद सोनभद्र के 637 गावों मंे वज्रपात के प्रति जन-जागरूकता का लक्ष्य रखा गया है।वज्रपात सुरक्षा जन जागरूकता कार्यक्रम का उद्घाटन बुधवार को संगम सभागार में लेफ्टिनेंट जनरल आर0पी0 साही (अति विशिष्ट सेवा मेडल) उपाध्यक्ष उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं श्री संजय कुमार खत्री, जिलाधिकारी द्वारा किया गया। इस समारोह मंे तीनों जिलों के अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) जो कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी भी होते हैं, उपस्थित रहें। उद्घाटन कार्यक्रम एवं प्रथम दिवसीय कार्यशाला में प्रयागराज जिले के सभी अपर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, जिला कृषि अधिकारी, जिला सूचना अधिकारी, समस्त अपर पुलिस उपायुक्त, जिला उद्यान अधिकारी, मुख्य अग्निसमन अधिकारी, समस्त खंड विकास अधिकारी, अधिशासी अभियंता बाढ़ कार्य, समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक एवं चीफ वार्डेन सीवेल डिफेंस उपस्थित रहें।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल आर0पी0 साही ने कार्यशाला में उपस्थित लोगो को संबोधित करते हुए कहा कि वज्रपात अवश्यंभावी हंै और इसे घटित होने से कदापि नहीं रोका जा सकता है परंतु व्यापक पैमाने पर जन-जागरूकता फैला कर इससे होने वाली जन-धन की हानि को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसके लिए माननीय मुख्यमंत्री जी के दिशा निर्देशों के क्रम मे उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, कार्यदायी संस्था के सहयोग से उत्तर प्रदेश के तीन सर्वाधिक संवेदनशील जनपदों सोनभद्र, मिर्जापुर और प्रयागराज में पायलट प्रोजेक्ट के रूप मे “वज्रपात सुरक्षा एवं जन-जागरूकता कार्यक्रम” को संचालित करने जा रहा है।


जनरल साही ने कहा कि उत्तर प्रदेश विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक एवं मानव निर्मित आपदाओं के प्रति संवेदनशील है जिसमंे बाढ़, भूकंप, लू, शीतलहर, आंधी-तूफान, चक्रवात, आगजनी एवं वज्रपात प्रमुख हैं। पिछले कुछ वर्षों से प्रदेश मे वज्रपात की घटनाएं तेजी के साथ बढ़ी हैैं, इसके लिए जलवायु परिवर्तन काफी हद तक जिम्मेदार है। पिछले 3 वर्षों में वज्रपात के कारण उत्तर प्रदेश में महिलाओं, बच्चों एवं खेतों मे काम करने वाले मजदूर एवं किसानों को अपनी जान गवानी पड़ी है जिसे जन-जागरूकता के माध्यम से रोका जा सकता था। जनरल साही नें कहा कि प्रत्येक वर्ष वज्रपात के कारण प्रदेश औसतन 300-350 जन-हानि और हजारों मवेशियों की मृत्यु देखी जा सकती है। इन जन-हानियों के पीछे जागरूकता की कमी, तथ्यों की सही जानकारी का अभाव, पूर्व चेतावनी की कमी, पूर्व चेतावनी का प्रभावी प्रसार एवं समय पर पालन नहीं किया जाना प्रमुख कारण हैं। वज्रपात के नवीनतम अध्ययन मे पाया गया है कि 60 प्रतिशत से अधिक जन-हानि पेड़ों के नीचे शरण के दौरान हुई है जबकि 20-25 प्रतिशत जनहानि खुले मैदान/खेतों मे कृषि कार्य करने के दौरान या खुले वाहन जैसे साइकिल, ट्रैक्टर से यात्रा करते हुए घटित हुई है। जनरल साही ने बताया कि स्कूली बच्चों को मुख्यमंत्री स्कूल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिए जाने की योजना है। उन्होंने जिलाधिकारी से अनुरोध किया कि सरकार के आपदा प्रबंधन मदों का उपयोग करके विद्यालयों मे आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित कराये जाने की आवश्यकता है।


समारोह के विशिष्ट अतिथि जिलाधिकारी श्री संजय कुमार खत्री ने कहा कि जिला प्रशासन के लिए आपदा प्रबंधन हमेशा से ही एक महत्वपूर्ण विषय रहा है। जनपद मे होने वाली वज्रपात की घटनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जिस प्रकार प्रत्येक वर्ष बाढ़ सुरक्षा योजना बनायी जाती है, उसी प्रकार वज्रपात से जनहानि को रोकने हेतु भी योजना बनायी जायेगी। जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को वज्रपात सुरक्षा एवं जागरूकता कार्यक्रम के तहत वज्रपात सुरक्षा से जुड़े होर्डिंग्स लगवाने के निर्देश दिए। उन्होंने आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, सिविल डिफेंस और टाइम्स ग्रुप को यह कार्यक्रम आयोजित करवाने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि वज्रपात सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम के परिणाम आगामी दिनों में देखने को मिलेंगे।
समारोह को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के वरिष्ठ सलाहकार ब्रिगेडियर पी0के0 सिंह ने कहा कि आपदाओं के न्यूनीकरण एवं क्षमतावृद्धि कर जोखिमों को कम किया जा सकता है। जिले की विकास योजनाओ में आपदा न्यूनीकरण तत्वों को समाहित किया जाना अत्यावश्यक है। इसके अभाव में समुचित विकास संभव नहीं है। समारोह मे उपस्थित उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की परियोजना निदेशक श्रीमती कनीज फातिमा ने बढ़ती हुई वज्रपात की घटनाओं के लिए जलवायु परिवर्तन को मुख्य कारण बताया।


अपर जिला अधिकारी-वित्त एवं राजस्व प्रयागराज और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री जगदंबा सिंह ने जिला प्रशासन और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कि तरफ से सभी अतिथियों और प्रतिभागियो का धन्यवाद करते हुये राज्य सरकार और जिला प्रशासन की योजनाओ और उनमे आपदा प्रबंधन की भूमिका को विस्तार पूर्वक बताया। उन्हांेने कहा कि यह योजना तभी सफल हो सकती है जब इसमे जन भागीदारी का समावेश हो और यही इस योजना का उद्देश्य भी है। उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सभी सरकारी विभागो के साथ मिलकर आपदा प्रबंधन के क्षेत्र मे उल्लेखनीय कार्य कर रहा है और ये परियोजना उसी प्रयास का हिस्सा है
कार्यक्रम में तकनीकी सहयोगी टाईम्स सेंटर फाॅर लर्निंग लि0 के रिर्सोस पर्ससंस के द्वारा वज्रपात के कारण, लक्षण, उ0प्र0 वज्रपात सम्बंधी जोखिम, संवेदनशीलता, रोकथाम के उपाय, शमन एवं तैयारी के उपाय, वज्रपात से सुरक्षा उपाय, पूर्व चेतावनी, संचार व्यवस्था तथा प्रारम्भिक चेतावनी के प्रसार के सम्बंध में दामिनी एप की भूमिका एवं महत्व आदि के बारे में विस्तार से बताया गया।
इस पायलट प्रोजेक्ट को चरणों मे पूरा किया जाएगा। प्रथम चरण मे 3 सबसे संवेदनशील जनपदों प्रयागराज, मिर्जापुर एवं सोनभद्र मे प्रत्येक जिले मे 2 एक दिवसीय कार्यशालाये आयोजित की जाएंगी जिसमें जिला स्तर के प्रत्येक जिले के लगभग 150 प्रमुख अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। द्वितीय चरण मे ब्लॉक स्तर पर कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी जिसमें ब्लॉक स्तर के सभी अधिकारी, ग्राम सचिव, लेखपाल इत्यादि को प्रशिक्षित किया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत तीन जनपदों के 45 ब्लाकों मे 3000 से अधिक अधिकारियों के प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है। इसी दौरान जन-जागरूकता अभियान के तहत तीनों जनपदों के प्रत्येक गावों मे पब्लिक अड्रेस सिस्टम के मदद से माईकिंग करके लोगों को जागरूक किया जाएगा। तृतीय चरण मे सबसे प्रभावित सोनभद्र के सभी 637 ग्राम पंचायतों मे कार्यशालाएं आयोजित करके लोगों को जागरूक किया जाएगा ।

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