उज्जैन के त्रिकालदर्शी संत उमाकांत जी की वर्ष 2023 में सरकार से सुरक्षा संबंधित विशेष अपील

बाबा उमाकान्त जी महाराज ने बताये 2023 में साधना में तरक्की पाने के अनमोल सूत्र

उज्जैन (म.प्र.)
निजधामवासी बाबा जयगुरुदेव जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, इस समय के महापुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, त्रिकालदर्शी उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने नव वर्ष कार्यक्रम में 1 जनवरी 2023 प्रातः उज्जैन आश्रम में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि आज 2022 का अंधेरा खत्म और 2023 का उजाला शुरु हुआ है। प्रेमियों! आप लोग सेवा से जी चुराते हो। यह नहीं समझते कि गुरु की दया आप पर हो रही कि आपको सेवा मिल रही है। बस केवल चिल्लाते रहते हो कि दया कर दो, दया कर दो गया। तो दया तो घाट पर मिलती है, सुमिरन ध्यान भजन के घाट पर। नये साल में नए सिरे से प्रचार-प्रसार शुरु करो। हाथ जोड़कर विनय हमारी, तजो नशा बनो शाकाहारी। छोड़ो व्यभिचार बनो ब्रह्मचारी, सतयुग लाने की करो तैयारी। यदि सतयुग एकदम से आ जाए तो मजबूत आदमी ही बर्दाश्त कर पाएगा। तो लोगों को सतयुग देखने लायक बनाओ।

सबसे बड़ा परमार्थी काम क्या है

सबको शाकाहारी बनने का संदेश दो। शरीर की सफाई बाहर से करने के लिए तो माता-पिता पड़ोसी भी बता देते हैं लेकिन अंतरात्मा की सफाई का मार्ग लो, करो। पहले से नए लोगों को नामदान के बारे में समझा कर लाओगे तो बाद में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी नहीं तो वह पुराने में ही विश्वास करता रहेगा और यह सहज योग मार्ग नहीं पकड़ेगा, सुमिरन ध्यान भजन नहीं करेगा। आप लोग संकल्प बनाओ कि जहां कहीं भी नामदान होगा, हम लोगों को समझा कर लाएंगे, उनकी आत्मा को सुख पहुंचाएंगे। संकल्प पूरा होता है, नहीं बनाओगे तो पूरा नहीं होगा। सबसे बड़ा परमार्थी काम यही है कि लोगों को शरीर के साथ आत्मा का सुख पहुंचाओ।

अपने नाम के लिए काम मत करो, गुरु आदेश में चलोगे तो काल भी मददगार हो जाता है

नाम के लिए काम मत करो। नेकी कर दरिया में डाल। जैसे अपनी तनख्वाह का दसवां अंश दे करके उसे भूल जाओ, उसके बदले में फायदा न चाहो। आप लोग भंडारा कंबल आदि परमार्थी भाव से प्रेम से खिलाते बांटते रहो। गुरु से ताकत और दया लेकर के जाओ कि हम परमार्थी काम में पीछे न रहें। अगर नीयत सही रखोगे, ज्यादा लोभ-लालच नहीं करोगे तो कीचड़ में कमल की तरह से रहोगे। यदि आपका खराब समय आएगा भी और आप गुरु का हाथ नहीं छोड़ोगे, उनका मिशन नहीं छोड़ोगे, गुरु आदेश में लगे रहोगे तो गुरु मदद कर देंगे। तन मन से सांचा रहे, सतगुरु पकडे बांह, काल कभी रोके नहीं देवे राह बताय। जो गुरु आदेश में लगे रहते हैं उन्हें कॉल रोकता नहीं उल्टे रास्ता बता देता है। (एक बार) कत्ल हुआ, भीड़ लगी, पुलिस ने पूछताछ के लिए लोगों को रोक कर रखा लेकिन एक पुलिस वाले ने धीरे से पास में खड़े सतसंगी टाटधारी से कि बाबा तुम सीधे-साधे लोग यहां क्या कर रहे हो? तुरंत निकल जाओ। इतना विश्वाश जयगुरुदेव वालों पर की ये अपने गुरु के बन्दे हैं, इसने न तो क़त्ल किया होगा और न ही उसमे सहयोग किया होगा।

दैनिक जीवन में मददगार सूत्र

आपको मकान बनाना है, नया बना लो। नई जमीन खरीदो। नया मकान खरीदो। नई मशीनरी खरीदो। अनुभवी आदमी रख लो कि आपका कारखाना चल जाए। ड्राइवर वकील रसोईया और डॉक्टर जीवन रक्षक होते हैं देख कर रखो। लेकिन यदि रसोईया अपनी पसंद की ही चीजें बनाकर खाएगा खिलाएगा तो नुकसान होगा इसलिए समझदार जानकार रखो। ड्राइवर ऐसा रखो जिसने जगह रास्ता देखा हो, पंचर वगैरह खुद बना सके, छोटी-मोटी मरम्मत कर सके, अनुभवी हो। मर्ज को बढ़ने मत दो, तुरंत दिखा दो। देर करने पर ऑपरेशन करवाना पड़ेगा, खर्चा होगा।

साधकों के लिए

जयगुरुदेव नाम ध्वनि सब लोग करो, आपको बहुत फायदा मिलेगा। अपने खान-पान अपना ध्यान रखो। अपना बनाओ, खाओ। अपने पीने का बर्तन अलग रखो। गलत खाने-पिने वालों से दूरी बनाओ, जरुरत भर का ही रखो। पराया धन और पराई स्त्री से दूरी बनाए रखो, आंखों में देखो ही मत जहां से शुरुआत होती है। दूसरे के बिस्तर (पर सोने) का भी असर आता है। दूसरे का दिया मत खाओ, क्या पता किस तरह के (गलत तरीके से कमाए) धन का बनाकर आपको खिला रहा है। काल जकड देता है। साधकों को को माया पकड़कर रगड़ देती है। गुरु की दया तो बराबर होती रहती है लेकिन विश्वास पक्का होना जरूरी है। विश्वास पक्का रहेगा तो गुरु प्रेरणा दे देंगे कि यह काम गलत है। साधक बनना चाहते हो, यदि साधना में तरक्की चाहते हो तो ध्यान दो। होशियार रहो।

सरकार से सुरक्षा संबंधित अपील

देखो थोड़ा सजग रहने की जरूरत है। सुरक्षा चाहे जहां की भी हो। सुरक्षा का सब लोगों का ध्यान रखना है। देश के सीमाओं पर भी सुरक्षा की जरूरत है। देश के नेताओं, न्यायाधीशों, बड़े-बड़े अधिकारीयों और देश के लिए अच्छा काम करने वालों की भी सुरक्षा की ध्यान देने की आवश्यकता है।

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