-बाबा जयगुदेव का जन्म दिन हर्सोल्लास के साथ मनाया गया

जयगुरुदेव शब्द गुरुत्व से सम्बन्ध रखता है जो पृथ्वी को संभाले हुए हैं

आर पी यादव ब्यूरो चीफ

कौशाम्बी:–कौशाम्बी तीर्थकरों की नगरी है जहाँ विभिन्न धर्मो के तीर्थकर अतीत में इस नगरी में आये वही 1जनवरी 2023 को जयगुरुदेव के हजारो अनुयाइयों ने बाबा जयगुरुदेव का जन्म दिन जिला मुख्यालय पर बड़े हर्सोल्लास के साथ मनाया जिले के कोने कोने से विभन्न जाति व् समूह के हजारो लोग सामिल हुए परंन्तु इसमें भी भ्रांतिया है जबकि जयगुरु देव का असली नाम तो तुलसीदास है इनका जन्म कितौरा गांव नीली कोठी जिला इटावा में सन1896 ईस्वी में हुआ था तो कैसे 1 जनवरी को जन्म दिन में मनाया जाता है

तो बताते चले कि तुलसीदास से जय गुरुदेव कैसे बने बाबा जी आइये इस ओर आपको ले चलते हैं बचपन में इनके माता पिता का अन्तकाल हो गया था ये अपने जीवन जीने का सहारा ढूढ रहे थे तब इनकी मुलाकात घूरेलाल सन्त से हो गई और घूरे लाल को इन्होंने अपना गुरु मान लिया।

ये गुरु की बातों को सर्वोपरि रखते और मानते थेऔर अपने हर काम की शुरुआत में गुरु का नाम लिया करते थे तो इनके चाहने वाले इनके शिस्यो ने 1जनवरी 1973 को इनका नाम तुलसीदास से जय गुरुदेव रख दिया और इसी दिन बाबा जी के अनुयायियों ने सम्पूर्ण भारतऔर मथुरा में जय गुरुदेव नाम का झण्डा फहराया तभी से 1जनवरी को जयगुरुदेव का जन्म दिन पुरे भरत वर्ष में हर्सोल्लास के साथ मनाया जाता है।

जय गुरुदेव नाम धरती पर चलाया मान गुरुत्व शक्ति सद गुरु की ऊर्जा से गतिशील है जिसे ग्रेविटी कहते हैं।

नाम दान पर चर्चा करे तो चन्द शब्दो में कह सकते हैं गुरु द्वारा ऐसी विधि बताना जो आपकी सभी बुराइयों को छुड़ा दे अर्थात अपनी सभी बुराइयों को गुरु की चरणों में दान करना ही नामदान कहलाता है।

अब नाम दान की प्रकिया एवम प्रचार प्रसार बाबा जयगुरुदेव जी के उत्तराधिकारी पंकज महाराज जी किया करते हैं।

बाबा जयगुरुदेव जी केजीवन के आधार का मूलमंत्र क्या है जाने गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वर: गुरु साक्षात परम ब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः
जन्म दिन के मौके पर कौशाम्बी के जय गुरुदेव के अनुयायियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और हर्सोल्लास से जन्म दिन मनाया।

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