पत्रकारों को भी लोक सेवक का दर्जा दे सरकार:- शास्त्री

{“जिस प्रकार से सरकारी अधिकारी/कर्मचारी अपने अपने योग्यता के अनुसार पद और वेतन पाकर सरकार के स्कीमों को जनता तक एवं जनता की समस्या को सरकार तक पहुंचाते हैं और इनको लोक सेवक का दर्जा दिया गया है। जबकि यही कार्य पत्रकार भी करते हैं जनता की आवाज को सरकार तक और सरकार की बातों को जनता तक पहुंचाते हैं और अपने योग्यता अनुसार संस्थान में पद और वेतन पाते हैं। इसके बावजूद पत्रकारों को लोक सेवक का दर्जा क्यों नहीं? उसी प्रकार से पत्रकारों को भी लोक सेवक का दर्जा दिया जाए।”}

प्रयागराज, ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन “ऐप्रवा” अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकान्त शास्त्री जी ने सरकार से मांग करते हुए कहा है कि सरकारे जिस प्रकार से अपने हितार्थ नियम कानून बनाकर अपना कार्य कर लेती हैं उसी प्रकार से पत्रकारों के निम्नलिखित विषयों पर भी कार्य किया जाये। (1) “पत्रकारों को चौथे स्तंभ का दर्जा देकर अधिसूचित किया जाए” (2) मीडिया कमीशन का पुनः पुनर्गठन हो (3) मीडिया प्रोटक्शन बिल लागू हो (4) प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की जगह मीडिया काउंसिल ऑफ इंडिया बनाया जाये (5) देश के हर प्रदेशों में निषप्क्ष रुप से प्रेस मान्यता समिति (6) विज्ञापन मान्यता समिति (7) पत्रकार बंधु का गठन हो (8) बिना भेदभाव के देश के सभी पत्रकारों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ दिया जाए (9) देश के सभी प्रदेशों में एक समान रूप से वरिष्ठ पत्रकार पेंशन योजना लागू हो (10) पत्रकारों को भी लोक सेवक का दर्जा दिया जाए (11) पोर्टर/यूट्यूब के पत्रकारों को भी अस्थाई रूप से मान्यता दिया जाए (12) कोरोना काल से बंद पत्रकारों के रेल रियायत सुविधा को बहाल किया जाए (13) देश के सभी जिलों के पत्रकारों को सस्ते दरों पर भवन/भूखंड दिया जाए (14) देश के सभी जिलों में सूचना भवन संकुल बनाया जाये (15) पत्रकारों के मामलों में किसी भी प्रकार से हिला हवालि न हो जिसके लिए एक हाई लेवल निगरानी कमेटी का जल्द गठन हो। यदि सरकार पत्रकारो के उपरोक्त मांगों को लागू करने में हीला हवाली अथवा देरी करती है तो ऐप्रवा परिवार देश भर में जन जागरण कर एक बड़ा आंदोलन करेगी।

शास्त्री जी ने सरकार पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि सरकारे पत्रकारों के मामलों में अनदेखीं करतीं चलीं आ रही है, उन्होंने बताया कि उल्लिखित सभी मांगों के सम्बन्ध में ऐप्रवा परिवार की ओर से दशको से जरिए रजिस्ट्री पत्र, ईमेल, सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री एवं सक्षम अधिकारियों से मांग किया जाता चला आ रहा हैं। लेकिन पत्रकारों की उपरोक्त विभिन्न मांगों को अभी तक ठंडे बस्ते में रखा गया है जो बहुत ही खेद का विषय है, जो समाज सबको उजाला दिखाता है एवं सब के न्याय की बात करता हो, उसी के साथ अन्याय हो और उसी को अंधेरा मे रख दिया गया है। यह बहुत ही खेद के विषय के साथ बहुत बड़ी विडम्बना है। यदि इसी तरह अनदेखी की गई तो, ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन “ऐप्रवा” परिवार द्वारा जिस प्रकार से पीसीआई के गड़बड़ झाले के खिलाफ एवं उ.प्र. प्रेस मान्यता समिति के संबंध में न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया है उसी प्रकार से उपरोक्त सभी मांगों में भी न्याय पाने के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जायेगा।

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