भगवान श्री परशुराम जी की जन्मभूमि जानापाव (मध्य प्रदेश) बनेगा देश का बड़ा आध्यात्मिक केंद्र : श्री 1008 पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती जी महाराज

भगवान श्री परशुराम जी की देशभर में 56 स्थानों को तीर्थ स्थली बनाने हेतु केंद्र सरकार कर रही लगातार काम : डॉक्टर दिनेश शर्मा, पूर्व उप-मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश

हजारों साल बाद भगवान श्री परशुराम जी की जन्मस्थली को लेकर हुए शोध के उपरांत निर्णय हुआ जानापाव (मध्य प्रदेश) : पंडित सुनील भराला, नि. अध्यक्ष/ राज्यमंत्री श्रम कल्याण परिषद उत्तर प्रदेश सरकार व संस्थापक/संरक्षक राष्ट्रीय परशुराम परिषद

भगवान श्री परशुराम जी की जन्मस्थली जानापाव (मध्य प्रदेश) दुनिया का सबसे बड़ा औषधि केंद्र भी है : प्रोफेसर राजाराम यादव, पूर्व कुलपति

प्रयागराज। मोनी अमावस्या तीर्थ स्थान पर भगवान श्री परशुराम जी की अवतरण भूमि जानापाऊ जनपद इंदौर (मध्य प्रदेश) के उत्थान पर राष्ट्रीय परशुराम परिषद द्वारा आयोजित “परिचर्चा एवं प्रबुद्ध सम्मेलन” में सैकड़ों की संख्या में ब्राह्मण, विद्वान और प्रबुद्ध लोग इकट्ठा हुए। उत्तर प्रदेश से भी बड़ी संख्या में प्रबुद्ध और वरिष्ठ नागरिक और साधु संत इकट्ठा हुए।

भगवान श्री परशुराम जी की जन्मस्थली जनपाऊं जनपद इंदौर (मध्य प्रदेश) के उत्थान के कल्याण को लेकर श्री 1008 पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती जी महाराज जी की अध्यक्षता में “प्रबुद्ध एवं संत सम्मेलन” प्रयागराज तीर्थ राज माघ मेले में संपन्न हुआ।
उसका संचालन संदीप मिश्रा और डीवी शुक्ला जी ने किया।


उसी क्रम में बोलते हुए कहा कि भगवान श्री परशुराम जी की विगत लंबे वर्षों से एक दर्जन स्थानों पर भगवान श्री परशुराम जी की जन्म भूमि को लेकर चर्चा और परिचर्चा होती रही है।
राष्ट्रीय शोध पीठ के अध्यक्ष जेवी कृष्णनजी राष्ट्रीय परशुराम परिषद के संयोजक प्रोफेसर डॉक्टर वेदवत्त तिवारी जी के द्वारा काशी विद्युत परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ कामेश्वर उपाध्याय जी की अध्यक्षता में काशी विश्वनाथ उद्घोष के बाद आज प्रयागराज तीर्थ राज में राष्ट्रीय परशुराम परिषद के शिविर में बोलते हुए पंडित श्री सुनील भराला जी नि. अध्यक्ष/राज्यमंत्री श्रम कल्याण परिषद उत्तर प्रदेश व संस्थापक/संरक्षक राष्ट्रीय परशुराम परिषद ने कहा कि भगवान श्री परशुराम जी की अवतरण भूमि जानापाव जनपद इंदौर (मध्य प्रदेश) में उद्घोष के उपरांत आज उसके कल्याण को लेकर चर्चा हुई और पूरे भारत में 56 स्थानों पर भगवान श्री परशुराम जी के तपोभूमि कर्मभूमि साधना एवं तीर्थ तथा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी उनके उत्थान कल्याण को लेकर गंभीर हैं।

प्रोफेसर डॉ वीरबहादुर सिंह यादव जी, पूर्व कुलपति पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर जी ने कहा कि भगवान श्री परशुराम जी वास्तव में एक ऐसे भगवान थे, जिनके अंदर सभी वर्ण, शक्ति एवं अन्य सभी वर्णों के गुणों का समावेश था, समाज की जरूरत के हिसाब से किसी भी रूप में वह अवतरित होते थे, उनके जन्मस्थान जानापाव जनपद इंदौर (मध्य प्रदेश) से संबंधित जो खोज हुई है उससे यह भी पता चलता है कि कोई आयुर्वेदिक औषधि किसी खास वृक्ष के साथ मिलाकर जब दी जाती है, तो वह विशेष गुण वाले पुत्र का जन्म देती है, जब वह किसी दूसरे वृक्ष के साथ वनस्पति के साथ मिलाकर दी जाती है, वह दूसरे गुणों के पुत्र को जन्म देती है। तो हमारा आयुर्विज्ञान विशेष प्रकार के गुणों वाले पुत्र को उत्पन्न करने की सीमा तक उचित था, इसलिए भगवान परशुराम जी के ऊपर शोध होनी चाहिए। यह सभी वनस्पतियां जानापाव जनपद इंदौर (मध्य प्रदेश) में पाई जाती है, उस पर एक विशाल भव्य मंदिर बनना चाहिए जो विश्व स्तर का हो जिससे भगवान श्री परशुराम जी की जो विशेषताएं हैं उससे युवा पीढ़ी प्रेरणा ले सकें। जिससे हम भारत को पुनः विश्व गुरु बना सकें।

मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे डॉ दिनेश शर्मा जी, पूर्व उप-मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश ने कहा कि राष्ट्रीय परशुराम परिषद के द्वारा सामाजिक संगठन निर्माण कर भारतवर्ष में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है, जिसने भगवान श्री परशुराम जी के अनसुलझे सवाल एवं भगवान परशुराम जी को लेकर तमाम प्रकार की भ्रांतियां एवं उन सब भ्रामक प्रचार को पूर्ण विराम लगाने का कार्य राष्ट्रीय परशुराम परिषद में किया है।
कहा कि भगवान परशुराम जी की जन्मभूमि को लेकर अनेका-अनेक मत है, किंतु राष्ट्रीय परशुराम परिषद द्वारा इस विषय में गंभीरता से चिंतन-मनन करते हुए शोध-अनुसंधान कर रहा है। भगवान परशुराम सभी जाति-धर्मों के लिए एक समान है।


कहां कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी कहा ने परशुराम कुंड के लिए 500 करोड़ रुपए देकर उनसे जुड़ी जन-भावनाओं का सम्मान किया है और देश की केंद्र सरकार आज व्यापक रूप से राष्ट्रहित में कार्य कर रही है। आगे कहा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर जनवरी 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा। इसके अलावा काशी विश्वनाथ कोरिडोर व उज्जैन में भव्य विशाल कालीडोर का लोकार्पण हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने जन-भावनाओं का सम्मान करते हुए किया है। इसके उपरांत बाद डॉ दिनेश शर्मा जी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री 1008 पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती जी महाराज जी को शॉल पहनाकर एवं बुके भेंटकर उनका सम्मान किया। इसके उपरांत उन्होंने वहां उपस्थित सभी संतो के साथ-साथ सभी श्रमिकजनों का भी विशेष रूप से सम्मान किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री 1008 पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती जी महाराज जी ने कार्यक्रम में साधु-संतों और दूरदराज से आए सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

मुख्य रूप से कार्यक्रम मे श्रीमद् जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी अयोध्याचार्य जी महाराज
संजय मिश्रा, अध्यक्ष उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय परशुराम परिषद
पंडित महानंद वाजपई, प्रदेश महामंत्री राष्ट्रीय परशुराम परिषद
कमलाकर द्विवेदी, प्रदेश महामंत्री राष्ट्रीय परशुराम परिषद
के. के. त्रिवेदी, प्रदेश उपाध्यक्ष राष्ट्रीय परशुराम परिषद
साध्वी राधा सरस्वती जी महाराज महामंडलेश्वर
संतधार चंद्रभूषण जी
त्रिलोकी नाथ मिश्रा, प्रदेश मंत्री राष्ट्रीय परशुराम परिषद
राजेश शर्मा, अध्यक्ष उत्तर प्रदेश परशुराम स्वाभिमान सेना
देवेंद्र शर्मा, जिला अध्यक्ष मथुरा राष्ट्रीय परशुराम परिषद
वृंदावन से आए बंसी बाबा योगेश शर्मा आदि।

आयोजनकर्ता में राजपुरोहित आचार्य मधुर जी राष्ट्रीय सह-सयोंजक (धर्म प्रकोष्ठ) राष्ट्रीय परशुराम परिषद, संजय मिश्रा अध्यक्ष उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय परशुराम परिषद, राजेश शर्मा जी अध्यक्ष उत्तर प्रदेश परशुराम स्वाभिमान सेना, शिरीष रंजन त्रिपाठी जिला अध्यक्ष काशी राष्ट्रीय परशुराम परिषद आदि।


प्रयागराज संवाददाता सतीश चंद्र की रिपोर्ट

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