एमएलसी चुनाव संपन्न, नहीं हुआ शत प्रतिशत मतदान, बना चर्चा का विषय

प्रयागराज संवाददाता सतीश चंद्र की रिपोर्ट

प्रयागराज-:मतदाता दिवस हो या जागरूकता दिवस सभी मौके पर लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठाने वाले ही जब फिसड्डी साबित हो जाए तो सवाल यह उठता है कि फिर किससे शत प्रतिशत की उम्मीद की जाय।जी हां,सही सुना आपने।

आज संपन्न हुए शिक्षक विधायक के चुनाव में मेजा ब्लाक में 462 मतदाता पंजीकृत थे,जिसमे केवल 346,उरूवा में 649 में 418 इसी तरह मांडा में 260 में 178 शिक्षकों शिक्षिकाओं ने अपने मत का प्रयोग कर अगले 6 वर्षों के लिए शिक्षक कोटे से विधान परिषद सदस्य को चुन लिया है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि जब सबको जागरूक करने वाले शिक्षक ही अपने मत का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं,तो अन्य मतदाता से शत प्रतिशत वोटिंग के लिए उम्मीद करना बेईमानी होगी।

इस विषय पर चर्चा के बाद साफ तौर पर एक ही बात उभर कर सामने आई है कि बड़ी संख्या में वित्त विहीन विद्यालयों के मैनेजमेंट द्वारा फर्जी तरीके से मतदाता बनाए गए हैं।शासन की कड़ाई के भय से ऐसे फर्जी मतदाता भय वश मतदान करने डर गए और मतदान करने से दूरी बना ली।इसी के साथ एक और बात सामने आई है कि वित्त पोषित स्कूलों के भी गैर जिम्मेदार शिक्षक भी मतदान करने नहीं पहुंचे।किसी भी कार्यक्रम में जागरूकता हेतु स्कूलों और कालेजों का भारी योगदान होता है और ऐसे शिक्षाविद जब अपने वोट के अधिकार को नहीं समझ पा रहे हैं तो देश के विकास के लिए बहुत बड़ी बाधा बन रहे हैं।पूर्व विधायक नीलम करवरिया ने मतदान प्रतिशत कम होने पर चिंता जाहिर करते हुए शिक्षकों से अपनी जिम्मेदारी को समझने की सलाह दी है।

फिलहाल शिक्षक विधायकों का भाग्य मतपेटियों में बंद हो गया और पोलिंग पार्टियां रवाना हो गई। ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि गंगा प्रसाद मिश्र ने वोट प्रतिशत कम होने पर चिंता व्यक्त करते हुए शिक्षकों को अपनी जिम्मेदारी के लिए आगे आने की सलाह दी है।शिक्षक विधायक मतदान के लिए कम प्रतिशत पर शिक्षाविदों,समाजसेवियों और जनप्रतिनिधियों ने भी चिंता व्यक्त की है।चर्चा के दौरान गोविंद मिश्र,कामेश्वर पटेल,अनिल शुक्ल,राजन मिश्र,कमलेश मिश्र,संजय तिवारी आदि मौजूद रहे।

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