संत रविदास का 636 वीं जयंती समारोह “कर्म ही धर्म” दिवस के रूप में धूमधाम से मनाया गया

ब्युरो खगड़िया रिपोर्ट

संत रविदास सच्चे अर्थों में संतों का संत महानसंत, समाज सुधारक थे – किरण देव यादव

खगड़िया। देश बचाओ अभियान फरकिया मिशन के बैनर तले संत रविदास का 636 वीं जयंती श्री युवक प्रखंड पुस्तकालय परिसर एवं रविदास टोला में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर इनके प्रतिमा तैल चित्र पर माल्यार्पण पुष्पांजलि समर्पित कर कोटि-कोटि नमन-याद किया गया तथा संत रविदास अमर रहे, नारों को बुलंद किया गया।


समारोह को संबोधित करते हुए अभियान के संस्थापक अध्यक्ष किरण देव यादव ने कहा कि संत रविदास का जन्म माघी पूर्णिमा के दिन 1388 ईस्वी में हुआ था इनके पिता का नाम राहू , माता का नाम कर्मा तथा पत्नी का नाम लोना था। उन्होंने अंधविश्वास पाखंडवाद कर्मकांड मनुवाद ब्राह्मणवाद रूढ़िवाद भेदभाव ऊंच-नीच छुआछूत लिंगभेद पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने आपसी प्रेम भाईचारा शांति सद्भाव सामाजिक सौहार्द्र परबल दिए! उनका कथन “कर्म ही धर्म” एवं “मन चंगा तो कठौती में गंगा” लोकप्रिय है। वे सच्चे अर्थों में संतों का संत महानसंत एवं समाज सुधारक थे। उन्होंने अपने दोहा के माध्यम से सामाजिक विषमता सामाजिक बुराइयां कुरीतियां को रेखांकित करते हुए आम जनों को जागरूक किये।


जयंती समारोह में शिक्षक राजकिशोर राम दानवीर यादव राजेंद्र मंडल मदन राम शशि राम अनिरुद्ध कुमार सीता देवी विजयाकुमारी चंदा कुमारी हरिवंश यादव महेंद्र सिंह उमेश यादव विष्णु देव यादव विजय यादव आदि ने संत रविदास के जीवनी व्यक्तित्व कृतित्व पर विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए संत रविदास के बताए रास्ते पर चलने का एवं समतामूलक समाज निर्माण करने का संकल्प दोहराया।

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