ब्राह्मण तथा मानस का विरोध समाजविरोधी कृत्य —आर के पाण्डेय एडवोकेट

रिपोर्ट -करीम खान यूपी हेड

—राष्ट्र को गृह युद्ध की तरफ धकेलने का षड्यंत्र।

प्रयागराज। वरिष्ठ समाजसेवी अधिवक्ता आर के पाण्डेय ने विगत दिनों ब्राह्मणों तथा रामचरित मानस विरोधी बयानों को समाजविरोधी कृत्य के साथ राष्ट्र को गृहयुद्ध की तरफ ढकेलने वाला षड्यंत्र बताया है।


जानकारी के अनुसार आर के पाण्डेय एडवोकेट (हाई कोर्ट इलाहाबाद) ने कहा कि सृष्टि के आदि काल से वसुधैव कुटुंबकम् तथा सर्वे भवन्तु सुखिनः का मंत्र देने वाले व समाज को एक सूत्र में पिरोने वाले ब्रह्मण को जातिवादी कहना निंदनीय, शर्मनाक व बहिष्कार योग्य है। सच तो यह है कि जातिवाद को बढ़ावा मात्र तहसील से निर्गत जाति प्रमाण पत्र के आधार पर जातिवादी आरक्षण को बढ़ावा देना, जातिगत चुनावी रणनीति एवम जातिवादी सरकारी सुविधाएं हैं।

उन्होंने सवाल किया कि वामनदेव, परशुराम, संदीपनी, द्रोण, चाणक्य, आदि शंकराचार्य, पंडित महामना मदन मोहन मालवीय, चंद्रशेखर आजाद आदि के युग परिवर्तक कार्य समाजहित में रहे हैं जिनका कोई उदाहरण आज समाजविरोधी बयानवीर अपने खुद के कार्यों से दे सकते हैं क्या? जब-जब समाज व देश पर संकट आया तब-तब सबसे पहले व सबसे आगे आकर ब्राह्मण समाज ने ही समाज व देश के कल्याणार्थ कार्य किया है।

इसी प्रकार विश्व सनातन के आस्था का स्रोत परम पावन महाग्रंथ श्री राम चरित मानस के चौपाइयों पर सवाल उठाना घोर समाज विरोधी कृत्य है। उन्होंने कहा कि ऐसे निंदनीय, शर्मनाक बयानवीर वास्तव में समाजविरोधी कृत्य के साथ राष्ट्र को गृह युद्ध की तरफ धकेल रहे हैं जिसकी निंदा करने के साथ उनका समाज व राष्ट्र में बहिष्कार किया जाना चाहिए।

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