संतोष, सहनशीलता और त्याग की प्रतिमूर्ति थीं रमाबाई अंबेडकर

ब्यूरो रिपोर्ट मदन पाल सिंह

शाहजहांपुर पंचशील सोशल वेलफेयर सोसाइटी की ओर से संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर की पत्नी रमाबाई 125वीं की जयंती के पर सम्राट अशोक पार्क में आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए सोसायटी अध्यक्ष राम सिंह ने कहा कि रमाबाई सहनशीलता सहयोग संतोष और त्याग की प्रतिमूर्ति थी जिन्होंने बाबासाहेब को आजीवन आगे बढ़ने और समाज सुधार के लिए प्रेरित किया उन्होंने धनाभाव में उपले बेचकर घर गृहस्थी चलाई, 4 बच्चों का इलाज के अभाव में निधन भी उन्हें विचलित नहीं कर सका।

अखिल भारतीय अनुसूचित जाति जनजाति कर्मचारी कल्याण एसोसिएशन के जिला महामंत्री विनोद कुमार ने कहा माता रमाबाई सादगी पूर्ण, कर्तव्य परायण बुद्धिजीवी महिला थीं जिनके सहयोग और समर्पण के कारण बाबासाहेब विदेशों में उच्चतम शिक्षा हासिल कर समाज को सामाजिक आर्थिक गुलामी से मुक्त कराने में सफल हो सके। हम उन्हें शत शत नमन करते हैं।

सरदार पटेल हिंदू इंटर कॉलेज के अंग्रेजी प्रवक्ता ज्वाला प्रसाद ने कहा कि रमाबाई महिला सशक्तिकरण का आधार स्तम्भ है। गोष्ठी को अशोक विहार विकास एवं संरक्षण समिति के अध्यक्ष नरेश चंद्र वर्मा, वाणिज्य प्रवक्ता बुधपाल सिंह, चिकित्सा अधिकारी बीडी निगम शिक्षक मातादीन वर्मा, मोहम्मद अब्दुल्ला , नीतू सिंह, ममता वर्मा दिव्यांशु उपासक आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। अध्यक्षता रामप्रकाश शास्त्री ने की तथा संचालन चन्द्रकान्त भारती ने किया।

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