मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य विषय पर किया गया संवेदीकरण
स्वास्थ्य विभाग द्वारा यूपीटीएसयू के सहयोग से सम्पन्न हुई दो दिवसीय कार्यशाला
धनंजय पाण्डेय
कुशीनगर- मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के बेहतर प्रबंधन के लिए एएनएम और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी ( सीएचओ) को दक्ष किया गया, ताकि मातृ शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सके। इसके लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कप्तानगंज पर दो दिवसीय क्षमतावर्धन कार्यशाला सम्पन्न हुई।
सीएचसी कप्तानगंज में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन मातृत्व स्वास्थ्य परामर्शदाता डाॅ.रितेश तिवारी ने बताया कि मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं और सुविधाओं का प्रबंधन जरूरी है। ऐसे में सभी एएनएम और सीएचओ को प्रसव पूर्व जांच, उच्च जोखिम युक्त गर्भवती के चिन्हीकरण, परिवार नियोजन कार्यक्रम, नियमित टीकाकरण और प्रसव पूर्व तैयारी के बारे में ठीक से जानकारी प्राप्त कर लें।
यूपीटीएसयू के जिला विशेषज्ञ कम्युनिटी एवं आउटरिच ने बताया कि प्रसव पूर्व जांच कराने आने वाली गर्भवती की जांच के बाद उसे आयरन, कैल्शियम और फोलिक एसिड की गोली देने के साथ ही पौष्टिक आहार लेते रहने की सलाह दें। प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षित अभियान दिवस पर आने वाली गर्भवती की आवश्यक जांच जरूर कराएं।
गर्भवती की हीमोग्लोबिन, रक्तचाप, वजन, पेशाब और पेट की जांच ठीक से होनी चाहिए। उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली गर्भवती को विशेष सावधानी बरतने तथा समय समय पर जांच कराते रहने की सलाह देने के साथ उचित प्रबंधन पर जोर दें। उच्च जोखिम वाली गर्भवती को संस्थागत प्रसव कराने के लिए प्रेरित करें ताकि सुरक्षित प्रसव हो सके। उन्होंने कहा कि प्रसव पूर्व की जानी वाली तैयारी के साथ- साथ प्रसव के दौरान किसी भी जटिलता से बचने के लिए उचित निर्णय और सलाह जरूरी है।
यह भी बताया कि नियमित टीकाकरण के फायदे बताकर शून्य से पांच वर्ष तक के शत प्रतिशत बच्चों व गर्भवती का टीकाकरण कराएं। लोगों को पांच साल में सात बार टीकाकरण का महत्व बताएं। टीकाकरण से कई बीमारियों से बचा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि छाया ग्राम स्वास्थ्य एवं स्वच्छता और पोषण दिवस पर दी जाने वाली सेवाओं के बारे में भी ठीक से जानकारी प्राप्त कर लें। सत्र आयोजित करने के बारे जानकारी, सत्र पर होने वाले जांच की सुविधाएं, आवश्यक दवाएं एवं सामग्री, दवा देने के तरीके को विशेष रूप से जान लें, ताकि सत्र का संचालन सही से हो सके। मातृ एवं बाल सुरक्षा कार्ड और ड्यू लिस्ट ठीक से तैयार की जानी चाहिए।
यूपीटीएसयू के वरिष्ठ विशेषज्ञ ने गर्भवती के पेट की जांच, बीपी और पेशाब की जांच पर अभ्यास कराकर प्रशिक्षणार्थियों का क्षमतावर्धन किया। यूपीटीएसयू के परिवार नियोजन विशेषज्ञ द्वारा परिवार नियोजन के साधनों पर विस्तार पूर्वक प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों में बबिता और अन्नू विश्वकर्मा तथा एएनएम में सरिता देवी और निर्मला प्रमुख रूप से मौजूद रहीं।
प्रशिक्षण में मिली जानकारी
एएनएम सरिता देवी ( 34) ने बताया कि प्रशिक्षण में गर्भवती की देखभाल, उच्च जोखिम गर्भवती को चिन्हित करने, गर्भावस्था से लेकर 1000 दिन तक मातृ शिशु का फाॅलोअप करने, शून्य से पांच वर्ष तक सभी बच्चों व गर्भवती के टीकाकरण करने के बारे में जानकारी मिली। साथ ही परिवार नियोजन कार्यक्रम के सम्बंध में विस्तार से बताया गया। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण में प्रसव सम्बंधित विशेष जानकारी मिली। सबसे बड़ी बात यह रही कि कार्यशाला में अभ्यास भी कराया गया
पायलट प्रोजेक्ट में चयनित हैं तीन ब्लाॅक
मातृत्व स्वास्थ्य परामर्शदाता ने बताया स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्थानीय स्तर से पायलट प्रोजेक्ट के तहत तीन ब्लाॅक कसया, रामकोला और कप्तानगंज चयनित किया गया है। इन तीनों ब्लाकों में तैनात एएनएम और सीएचओ के क्षमता वर्धन के लिए दो दिवसीय संवेदीकरण कार्यशाला आयोजित किया जा रहा है। इसी क्रम में कप्तानगंज सीएचसी से जुड़े एएनएम और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों का क्षमता वर्धन किया गया।