प्रयागराज राष्ट्रीय परशुराम सेना ब्रह्म वाहिनी में हमे बुद्धि शुद्धि यज्ञ करने की आवश्यकता पड़ी

अर्जुन सिंह ब्यूरो चीफ

प्रयागराज राष्ट्रीय परशुराम सेना ब्रह्म वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री विमल तिवारी जी ने प्रयाग राज में संघठन के साधु संतों के साथ मिलकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में सनातन धर्म के देवी-देवताओं, ब्राह्मणों, साधु संतों एवं वेद पुराणों पर की जा रही टीका टिप्पणी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर राज्य सरकारों और केंद्र सरकार से ऐसे लोगों पर सख्त से सख्त सजा के साथ, कानून मे ऐसे प्राविधान की मांग की थी जिससे भविष्य में ऐसी ओछी राजनीति करने के पूर्व लोग चिन्तन करें। परन्तु, दुर्भाग्य से सरकार ने भी कानों में रुई डाल रखी है। 1 हफ्ते बीतने के बाद भी उचित कार्रवाई नहीं हुई। 650 साल तक देश गुलामी का दंश झेला तब ब्राह्मण ही थे जिसने अपने त्याग और बलिदान देकर देश की सभ्यता और संस्कृति को अच्छ्रण बनाये रखा। संविधान के निर्माण की प्रक्रिया के पीछे भी ब्राह्मण के अभूतपूर्व योगदान की कहानी रही है, हम इसे विस्मृत नहीं कर सकते। श्रीमद भागवत गीता के तेरहवें श्लोक मे श्री कृष्ण ने कहा है कि वर्ण की व्यवस्था कर्मों के आधार पर मैने की है, फिर मोहन भागवत जी को श्रीमद भागवत गीता पदने और समझने की जरुरत है, जिससे उनके नाम की सार्थकता बनी रहे। समय समय पर प्रलाप कर सुर्खियों मे बने रहने की पिपासा को सार्थक बहसकर शान्त करें। इन सबसे आहत होकर आज दिनांक 8 फरवरी को पत्थर गिरिजाघर, प्रयागराज में हमे बुद्धि शुद्धि यज्ञ करने की आवश्यकता पड़ी। हमारी सहिष्णुता और धैर्य की परीक्षा समय समय पर यूँ ही ली जाती रहती है, परन्तु कबतक? अब हम शान्त बैठे नही रह सकते। बार-बार आगाह करने के बाद भी कोई परिणाम नही दिख रहा, भविष्य के लिए यह अच्छे संकेत का ध्योतक नही है। आगे भी हम उग्र प्रदर्शन के साथ, जेल भरो आन्दोलन के लिए बाध्य होंगे अगर उचित कार्रवाई नहीं हुई।उक्त कार्यक्रम में राष्ट्रीय परशुराम सेना ब्रम्हवाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री विमल तिवारी जी मुख्य रूप से शामिल हुए। उनके साथ राष्ट्रीय सचिव पण्डित आशुतोष त्रिपाठी, प्रदेश मुख्य महासचिव सौरभ शुक्ल जी, प्रदेश सचिव मनीष पांडेय जी, प्रदेश सचिव जय वर्धन जी, स अशोक पांडेय जी, गौरव उपाध्याय, मंडल अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ स्वारिका भरद्वाज जी, महानगर प्रभारी जूही जी, जिला उपाध्यक्ष अलका पांडेय जी, मिडिया प्रभारी सुनीता मिश्रा जी, माला चतुर्वेदी, वंदना दुबे, अजय कुमार मिश्र, हरिकेश शुक्ल, राकेश तिवारी, क्षमा जी, मधु जी, नीलम त्रिपाठी जी, नीलम गिरि जी के साथ अन्य सैकड़ो कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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