धड़ल्ले से अवैध बालू खनन प्रशासन ने बंद कर रखी है आंखें

संवाददाता श्रवण तिवारी

कौशाम्बी।चायल जिले की यमुना नदी से निकलती लाल बजरी जहां जिले से प्रदेश में जिले के राजस्व को बढ़ाती है वहीं दूसरी ओर यह लाल बजरी जिले में अधिकारियों को भ्रष्ट बनाने में अपनी महती भूमिका निभाती नजर आ रही है स्थिति यह है कि लाख रोकने के बाद भी धड़ल्ले से खुलेआम अवैध घाट चल रहे हैं।

आज खुलासा चायल तहसील क्षेत्र के पिपरी थाना क्षेत्र स्थित सेऊढा गांव के यमूना घट में चल रहे अवैध बालू खनन का है। स्थिति यह है कि यहां पर खुलेआम यमुना के सीने को चीर कर दिन रात अवैध रूप से बालू निकाला जा रहा है, जिसकी प्रत्येक महीने करोड़ों रुपए मूल्य की जाती है। इससे सरकार को लाखों रुपए राजस्व भी मिलना चाहिए लेकिन स्थानीय स्तर पर तहसील प्रशासन की मिलीभगत से यह घाट धड़ल्ले से चल रहा है।

जहां प्रत्येक दिन दर्जनों ट्रक व टैक्टर बालू निकाली जा रही है लेकिन किसी भी जिम्मेदार व प्रशासनिक अधिकारी की नजर अभी तक घाट की ओर नहीं गई जबकि कई बार इस घाट के मामले में शिकायत हो चुकी है और इसके अवैध खनन के वीडियो वायरल है।

बताते चलें कि थाना क्षेत्र के लौधाऊर चौकी क्षेत्र के सेऊढा गांव में खुलेआम यमुना के सीनों को चीरकर यमुना के अवैध रूप से बालू निकाली जा रही है यहां पर इस गांव में किसी प्रकार का बालू पट्टा नहीं है। सूत्रों की मानें तो चौकी पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा लाखों रुपए महीनेवारी लेकर इस गोरखधंधे को बदस्तूर जारी रखा गया है। मामले की शिकायत भी जिले के आला अधिकारियों से की जाती है तो इसको महज खानापूर्ति तक ही सीमित रखा जाता है सूत्रों द्वारा कहा तो यहां तक जाता है कि इस घाट से हर दिन दर्जनों की संख्या में ट्रक व ट्रैक्टरों से लादकर बालू निकलती है। जिस पर पुलिस के अधिकारियों एवं प्रशासन के जिम्मेदारों की नजर सिर्फ इसलिए नहीं जा रही है कि हिस्सेदारी प्रशासनिक अधिकारियों की ओर जाती है
क्षेत्रीय लोगों ने जिले के जिलाधिकारी महोदय का ध्यान इस अवैध बालू खनन की ओर आकृष्ट कराया है ।

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