बलरामपुर में विश्वविद्यालय निर्माण के लिए 100 एकड़ जमीन देने के लिये हूँ तैयार – राधेश्याम वर्मा

संवाददाता राधेश्याम गुप्ता

बलरामपुर। में माँ पाटेश्वरी देवी के नाम से विश्वविद्यालय निर्माण की घोषणा के बाद अब उसके स्थान को लेकर चल रही चर्चा के बीच आरएसवी फाउंडेशन के चेयरमैन राधेश्याम वर्मा कहा कि बजट में सूबे के यशश्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा घोषित शक्तिपीठ देवीपाटन के नाम से मां पाटेश्वरी देवी राजकीय विश्वविद्यालय के निर्माण किया जाएगा । उनके द्वारा उठाया गया स्वागत योग्य सराहनीय दूरदर्शी कदम हैं । विश्वविद्यालय स्थापना से क्षेत्र में शैक्षिक क्रांतिकारी बदलाव होना है । इस बात पर भी लोग एकमत नहीं है की विश्वविद्यालय कहां पर स्थापित किया जाए, मेरा निजी विचार है कि बलरामपुर की क्रांतिकारी धरा ने देश के दो महान विभूतियों पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय स्व अटल बिहारी बाजपेयी जी की कर्मस्थली रही हैं , व दीनदयाल शोध संस्थान की स्थापना करने वाले भारतरत्न श्रद्धेय नानाजी देशमुख की सरजमी रही हैं। जंहा से उन्होंने राष्ट्रहित राष्ट्रनिर्माण के लिए चिंतन किया। मुझे भरोसा है कि यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस क्षेत्र को इसी ऐतिहासिक सोच को मूर्त रूप देने के लिए चुना होगा। विश्वविद्यालय का निर्माण बलरामपुर जनपद में होने से दोनों भारतरत्न विभूतियों का वास्तविक सम्मान भी होगा।
माँ पाटेश्वरी देवी धाम तुलसीपुर में स्थित है। बलरामपुर में राजकीय विश्वविद्यालय की स्थापना से यहां के विद्यार्थियों, शोधार्थियों और शिक्षा के क्षेत्र में रुचि रखने वालों को अभूतपूर्व लाभ हासिल होगा । साथ ही प्रदेश व देश मे जिले का शैक्षिक उन्नयन मे नाम स्थापित हो सकेगा । बलरामपुर अति पिछड़े (आकांक्षी ) जिले में शामिल है। बलरामपुर में राजकीय विश्वविद्यालय के स्थापना से रोजगार और तकनीकी के क्षेत्र मे प्रगति होगा तथा यह जनपद के लिए गौरवशाली इतिहास निर्माण की नींव रखने के समान होगा। शासन स्तर पर जमीन के लिए अगर कोई कमी महसूस होती है तो मेरे और मेरे परिजनों के नाम 80 से 100 एकड़ की जमीन को विश्वविद्यालय और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र के लिए देने को सहर्ष तैयार हूँ ।

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