बुद्ध की तपस्वी भूमि पर श्वावस्ती में लोकतंत्र के रक्षक अत्याचार व अन्याय के खिलाफ आवाज लगाने वालों का होगा सम्मान

15,16,17 मई को गुरु महाराज जी का भंडारा कार्यक्रम उज्जैन आश्रम पर होगा खुद भी और नये लोगो को लाने की करो तैयारी

राजनांदगांव (छत्तीसगढ़)
भक्तों पर दया की बरसात करने वाले, सबको देने वाले भी जिनसे मांग कर ही सबको दे पा रहे हैं यानी जो सबके दाता हैं, सुख शांति धन और साधना में बरकत देने वाले, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, परम दयालु, त्रिकालदर्शी ,दुखहर्ता ,उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 5 अप्रैल 2023 प्रातः राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) में दिए अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि 16 अप्रैल 23 को प्रात: बुद्ध की तपस्वी भूमि श्रावस्ती में सतसंग व नामदान का कार्यक्रम समय परिस्तिथि अनुकूल होने पर होगा। साथ ही इमरजेंसी आपातकाल के दौरान अत्याचार, अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की वजह से जेल जाने वाले लोकतंत्र रक्षकों का भी अपने प्रेमी लोग सम्मान करेंगे। मैं भी वहां रहूंगा। 15,16 व 17 मई 23 को भंडारा का कार्यक्रम उज्जैन आश्रम पर होगा। उसमें आने के लिए आप लोग भी तैयारी करो।

कुछ समय ऐसा आता जब गुरु की दया की होती है बरसात

जैसे खेत में पानी लगा दो, तो जड़ में ही पानी जाता है‌। उससे तना, पत्ती हरा होता है। लेकिन जब बरसात आती है, ऊपर से पानी गिरता है तब पत्ती, फल, तना, जड सबको पानी मिलता है। बरसात में पेड़ पौधे अच्छे हरे-भरे हो जाते हैं, देखते ही बनता है। ऐसे ही गुरु की दया तो सब जगह हो रही है लेकिन कुछ समय ऐसा आता है कि जब दया की बरसात होती है। जब लाखों लोग गुरु को याद करते हैं तब गुरु देखते हैं और गुरु ही दाता होते हैं।

सबके दाता सतगुरु हैं

धरणी झालो देखिए तहलो सभी भिखार, दाता केवल सतगुरु देत न माlने हार। जहां तक देखो, सब मांग ही रहे हैं। जिससे आप बहुत से लोग मांगते हो, यह हमको दे दे, वह सब देने वाले भी (सतगुरु से) मांगते रहते हैं क्योंकि वही (सतगुरु) उनको भी देते हैं। वह (सतगुरु) उनको देते हैं तब वह आपको देते हैं। आपको कोई कुछ देने वाला नहीं है, वही (सतगुरु) देता है। सीकर वाले सोहनलाल दुग्गल के प्रसंग से समझाया कि माया तो है राम की मोदी सब संसार। जाकौ चिट्ठी उतरी सोईन खर्चन हार।। माया तो प्रभु की है। आपको कुछ समय के लिए बना दिया कि इसको खर्च करो। जैसे खर्च करते हो एकदम खत्म हो जाता है। आपसे वो दया हट गई, जो आपको खर्च करने के लिए मिला। गलत जगह चला गया, बरकत बंद हो गई, अच्छी जगह पर जाता रहता है तो बढ़ता चला जाता है।

सुख शांति धन और साधना में बरकत पाने का मौका

गुरु की दया की बरसात होती है। कब होती है? समय-समय पर होती है। गुरु महाराज का पावन भंडारा आ रहा है। दया की बरसात होगी, तो दया के घाट पर तो बैठना ही पड़ता है। दया लेने के लिए, सुख शांति प्राप्त करने के लिए, बरकत लेने के लिए चाहे दुनिया की बरकत हो चाहे धन दौलत की बरकत हो, चाहे आत्मा की, साधना की बरकत हो, बरकत लेने के लिए तो आपको आना, समय निकालना चाहिए। आप लोग खुद भी प्रोग्राम बनाओ आने का, लोगों को भी बताओ। प्रचार भी करो, नए लोगों को भी याद रहेगा कि हमने 2023 के भंडारे में उज्जैन में नामदान लिया था।

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