छोटे किसानों के लिए वरदान है मिलेट्स खेती, इससे मजबूत हो रही है कृषि अर्थव्यवस्था : कैलाश चौधरी

काजरी जोधपुर में आयोजित दो दिवसीय “मिलेट्स मेला एवं प्रदर्शनी” के समापन समारोह में सम्मिलित हुए केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, उपस्थित किसानों व कृषि वैज्ञानिकों से खेती किसानी से जुड़े विषयों पर किया संवाद

सतीश गोयल

जोधपुर

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने शुक्रवार को जोधपुर स्थित केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण व उद्योग मंत्रालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय “मिलेट्स मेला एवं प्रदर्शनी” के समापन दिवस में भाग लिया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत एवं केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण व उद्योग राज्य मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल सहित कृषि वैज्ञानिक एवं प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे।


कार्यक्रम केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने केंद्रीय मंत्रियों के साथ मेले में मिलेट्स से संबंधित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। साथ ही कैलाश चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की मेजबानी में हो रहे “अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष” के तहत श्री अन्न को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के साथ साथ हर थाली में पहुंचाने को लेकर उपस्थित किसानों व कृषि वैज्ञानिकों से खेती किसानी से जुड़े विषयों पर संवाद किया।

मिलेट्स मेला समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि मोटे अनाज जिसमें विशेषकर बाजरा, ज्वार, मक्का, रागी सम्मिलित है, इस मिलेट्स (मोटे अनाज) का देश भर में उपयोग और उपभोग को बढ़ाने की आवश्यकता है। इन मोटे अनाजों में पौष्टिकता भरी हुई है, आज भारत विश्व का सबसे ज्यादा युवा देश है और इस पीढ़ी का स्वास्थ्य बेहतर रहना जरूरी है। केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि हमें मिलेट्स को अपने भोजन में प्राथमिकता देनी होगी और जंक फूड से तौबा करनी होगी, तभी हमारा देश दुनिया में अपनी शक्ति का लोहा मनवा कर आगे बढ़ पाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार मोटे अनाजों को देश और दुनिया में बढ़ावा देने को लेकर कृत संकल्पित है तथा इसको लेकर लगातार काम कर रही है। कृषि राज्य मंत्री ने कहा कि मिलेट्स मोटे अनाज की खेती छोटे किसानों के लिए वरदान साबित होती है क्योंकि इससे जहां इसमें पानी और उर्वरकों की कम जरूरत होती है। वहीं इससे कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है।

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