अवैध नियुक्ति में उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी ने किया करोड़ों के राजस्व का गबन

बृजेश कुमार

नई दिल्ली/दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान एडवोकेट पुनीत कंसल ने उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी की नियुक्ति को लेकर कई आरोप लगाए। प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि अवैध नियुक्ति में कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी ने करोड़ों के राजस्व का भी गबन किया है। उन्होंने इस संबंध में उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार के रजिस्ट्रार की फर्जी गतिविधियों को उजागर करते हुए कुलसचिव की अवैध नियुक्ति के उपरांत करोड़ों के राजस्व के किए गए गबन को लेकर एक दस्तावेजी सबूत भी पेश किया

इस दस्तावेज के अनुसार उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग,हरिद्वार के तत्कालीन पदाधिकारियों पर आरोप है कि उनके द्वारा विज्ञापन सं 1 / विज्ञापन / सेवा 02/14-15 दिनांक 12.7.2014 में उक्त नियमों का उल्लंघन करते हुए कुलसचिव पद हेतु अयोग्य गिरीश कुमार(जीके) अवस्थी को उ.सं.वि.वि. हरिद्वार में कुलसचिव के पद पर नियुक्ति किया गया। शिकायतकर्ताओं ने कई बार इस संबंध में शिकायतें की लेकिन विभागीय स्तर से शिकायतों को दबाया जाता रहा|

एडवोकेट पुनीत कंसल ने बताया कि आरोपी जीके अवस्थी द्वारा राजस्व की चोरी करने के लिए झूठे दस्तावेजों के आधार पर एवं सत्य को छुपाते हुए कुलसचिव पद हेतु आवेदन पत्र दाखिल किया गया। जीके अवस्थी विज्ञापनोक्त बिन्दु सं. 1क भाग 2 में उक्त 6600-10500 वेतनमान पर कार्य करने के 15 वर्षीय अनुभव को पूर्ण नहीं करते हैं। कंसल बताते हैं कि न्यायालय आदेश 15.7.2010 के अनुसार जीके अवस्थी की जीबी पंत इंजीनियरिंग कालेज घुडदौड़ी पौड़ी में कुलसचिव पद पर की गयी नियुक्ति अवैध सिद्ध हुई थी उन्हें पदावनत करते हुए सहायक कुलसचिव पर प्रत्यावर्तित किया गया था। और इस संबंध में आयुक्त स्तर से जांच कर आरोप पत्र दायर किया गया था और दोष भी सिद्ध हुए थे। इसके तहत वह विज्ञापनोक्त महत्वपूर्ण बिंदु संख्या 3 को पूर्ण नहीं करते।

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