कैसे शरीर दिल दिमाग वाणी में ताकत आएगी, कम मेहनत में ज्यादा लाभ कैसे मिलेगा

कबीर साहब अपनी मेहनत से सतलोक तक पहुंच गए थे

उज्जैन (म.प्र.)
आदि से अंत तक के ज्ञाता, पिछले सभी सन्त जिनमें समाये हुए हैं, कम मेहनत में ज्यादा कमाई का तरीका बताने वाले, जिन्होंने गुरु भक्ति को ही अपना एकमात्र लक्ष्य बनाया और उसमें सफलता प्राप्त की, ऐसे पूरे समरथ सन्त सतगुरु, परम दयालु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, लोकतंत्र सेनानी, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 9 मार्च 2020 सांय उज्जैन आश्रम में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि कबीर साहब ने गुरु के लिए निमित्त बनाया। उस समय के विद्वानों के पास गए, दीक्षा लिया कि गुरु की मर्यादा न खत्म हो जाए। सतलोक के बारे में तो उनको मालूम था लेकिन वहां से आए नहीं थे। तो रास्ता उनको ऊपर का नहीं मालूम था। पारब्रह्म लोक के पहुंचे हुए थे लेकिन फिर जब उन्होंने मेहनत किया तो वहां (और उपर) भी पहुंच गए। जैसे केवल यहां से 20 किलोमीटर तक की जानकारी हो लेकिन कोई बता दे कि सीधा रास्ता यहां से इंदौर का है, और चल पड़ो तो पहुंच जाओगे, ऐसे ही वह (सतलोक) पहुंच गए।

जो शरीर छोड़कर चले गए उनसे मदद नहीं हो सकती है

महाराज जी ने 21 जनवरी 2023 प्रातः विकोटा (आंध्र प्रदेश) में बताया कि वक्त के डॉक्टर, मास्टर और गुरु से ही काम बनता है। काम होता है, जैसे किसी डॉक्टर ने परिवार में किसी का इलाज किया था, अब वह मर गया और अब वोही बिमारी किसी और सदस्य को हो गयी और कहो कि हम तो उसी डॉक्टर से इलाज करा कर के ठीक कर लेंगे तो कैसे ठीक हो सकता है? नहीं हो सकता। जैसे मास्टर साहब बच्चों को पढ़ा करके दुनिया से चले गए। अब कहो कि हम उसी मास्टर से पढ़े और पढ़ावें तो नहीं हो सकता। जो गुरु चले गए, उनसे काम नहीं होगा। समय-समय पर गुरु आते रहे। मनुष्य शरीर के अंदर गुरु की पावर जो आती रही, उस गुरु को याद करें या वह जो अवतरित शक्तियां काम करके चली गई, उनको अगर आप याद करो तो कैसे वह आपकी मदद कर सकते हैं? इसीलिए वक्त के डॉक्टर, वक्त के गुरु, वक्त के मास्टर की जरूरत हुआ करती है।

शरीर दिल दिमाग वाणी में ताकत कैसे आएगी

महाराज जी ने 3 अगस्त 2020 प्रातः उज्जैन आश्रम में बताया कि (साधना करके) जब ऊपर (उपरी लोकों में) जाने लग जाओगे तो अपने आप इधर (इस दुनिया की तरफ) से उदासीनता हो जाएगी और आपके शरीर, बोली वाणी, दिल दिमाग में ताकत आ जाएगी। युक्ति आपको मालूम हो जाएगी। कम करोगे, ज्यादा मिलेगा। इस वक्त पर ज्यादा मेहनत करते हो, कम उसका लाभ, कम मजदूरी मिल पाती है। जब अकल बुद्धि तेज हो जाएगी तब थोड़ी मेहनत में ही आपको ज्यादा समय मिलने लग जाएगा, यह बंधन धीरे-धीरे ढीले हो जाएंगे। परिवार वाले भी जब आपके शरीर की सेवा करेंगे तो आपके आशीर्वाद दुआ से उनके भी दिल दिमाग बुद्धि तेज हो जाएगी। आपका कहना बच्चे मानने लगेंगे।

शुरू में किसी को पता नहीं रहता है कि हमें यह काम करना है

महाराज जी ने 21 फरवरी 2020 प्रातः लखनऊ में बताया कि जिनसे उनको (सतगुरु को) काम लेना होता है, उनको खींच लेते हैं। हमारे गुरु महाराज बाबा जयगुरुदेव बहुत भटके लेकिन निशाना इन्होंने बनाया था कि हम उस मालिक को प्राप्त करके, अपने जीवन को सार्थक बना करके ही दम लेंगे। गुरु महाराज को शुरू में पता नहीं था। किसी को भी शुरू में पता नहीं रहता है कि हमको यह काम (आगे नामदान देने का) करना है। विद्यार्थी को यह नहीं पता रहता है कि हमको कलेक्टर जज बनना है। उसका निशाना यह रहता है कि हम पढ़ ले जाए, हम किसी काबिल बन जाए। उसी में पढ़ाई करता जाता है। लेकिन जिनको काम लेना होता है वह उनको खींच लेते हैं। गुरु महाराज जब भटक रहे थे, निराश हो गए थे तो दादा गुरु ने उनको खींचा और खींच कर के इल्म दिया और रूहानी तरक्की में मदद किया। गुरु महाराज ने मालिक को हासिल किया, उनका दर्शन दीदार किया। जीवात्मा को जगाते हैं और जगते-जगते यह जीवात्मा उस मालिक तक पहुंच जाती है तो उनकी पूरी ताकत इसमें आ जाती है।

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