शिव तांडव से विनाश होता है और विनाश के कई कारण होते हैं

सतयुग में शराबी मांसाहारी व्यभिचारी नहीं रहेंगे

लखनऊ (उ.प्र.)
शिव तांडव को रोकने वाले, लोगों को सतयुग लायक बनाने में लगे, धोखे से बचने के लिए चेताने वाले, सही दिशा देने वाले, इस समय के युगपुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, परम दयालु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, लोकतंत्र सेनानी, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी ने 3 मार्च 2019 दोपहर लखनऊ में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि शिव तांडव से लोगों को बचाया जाए और बचा जाए। आपके अंदर की इतनी भावनाओं से धीरे-धीरे टल रहा है। और हम भी प्रार्थना करेंगे, प्रेमीयों और आप भी प्रार्थना करो कि शिव तांडव न होने पावे। शिव तांडव से विनाश होता है। और विनाश के कई कारण होते हैं। महामारी, बीमारी, सूखा, अकाल, लड़ाई-झगड़ा, एटम बम, परमाणु बम जंग हो जाये, तूफान आदि सब तांडव के कारण बन जाते हैं। तो वह न होने पावे क्योंकि सब कुछ चला जाय जमीन, मकान, मंदिर, मस्जिद आदि चली जाए तो वापस आ सकती हैं, आदमी कर लेता है लेकिन जान अगर किसी की चली गई तो वापस नहीं आएगी। ये आदमी के बस का नहीं है। इसलिए अपनी और लोगों की भी जान बचानी है।

सतयुग में शराबी मांसाहारी व्यभिचारी नहीं रहेंगे

महाराज जी ने 19 जनवरी 2023 सांय मदुरई (तमिलनाडु) में बताया कि कर्मों की सजा भोगनी पड़ती है। कर्म प्रधान विश्व रच राखा, जो जस कीन सो तस फल चाखा। इसीलिए सतयुग के लायक बनो। सतयुग में कोई भी मांसाहारी, शराबी,व्यभिचारी ना था, न आने वाले सतयुग में रहेगा। इनके खान-पान चाल-चलन को सही करो। आप प्रचार-प्रसार करो और थोड़ी देर भगवान को रोज याद करो।

संगत शंकर जी की बरात की तरह होती है

महाराज जी ने 8 जुलाई 2017 प्रातः जयपुर राजस्थान में बताया कि प्रेमी से प्रेमी मिले गुरु भक्ति दृढ़ होये, प्रेमी खोजन मे चला प्रेमी मिला न कोई। प्रेमी से जब प्रेमी मिलते हैं तो गुरु की चर्चा होती है। शंकर जी की बरात में हर तरह के लोग थे। ऐसे ही जब संगत बढ़ती है तो हर तरह के लोग इसमें जुड़ जाते हैं। तो कोई व्यापार के हिसाब से आता है कि कोई ऐसा व्यापारी हमको मिल जाए जो हमको कोई रास्ता बता दे जिससे हमारा व्यापार बढ़ जाए। कोई हमको बड़ा अधिकारी मिल जाए जो सिफारिश लगा दे और हमको नौकरी में तरक्की मिल जाए। कोई ऐसा सोचता है कि हमारी खेती में तरक्की हो जाए। कोई बड़ा आदमी मिल जाए, उसको हम ठग ले। कोई सीधा साधा आदमी मिल जाए जिसे हम बेवकूफ बनाकर के उसके धन को दूसरी जगह कहीं लगवा दे और उसको हम हड़प कर ले, तरह-तरह के लोग आते हैं।

अच्छे लोगों को आप संगठित नहीं कर पाते हो

महाराज जी ने 9 दिसंबर 2022 प्रातः बावल (हरियाणा) में बताया कि तरह-तरह के जीव सन्तों के पास आते हैं। स्वार्थी लोग भी आते हैं और स्वार्थ नहीं सिद्ध होने पर चले जाते हैं। कितने आते हैं, कितने चले जाते हैं। तो कुछ ऐसे वैसे भी लगे हुए थे, तो उनकी टीम बन जाती है। अच्छे लोगों की टीम आप नहीं बना पाते हो। साधकों, प्रचारकों को आप संगठित नहीं कर पाते हो। आपस में मनमुटाव हो जाता है। आगे बढ़ने की कोशिश हो जाती है, उसी में एक-दूसरे का पैर खींचने लगते हो। अच्छे काम में तो यह जल्दी नहीं हो पाता है लेकिन पंचायती जिसको कहते हैं, तो बैठे पंचायत निंदा बुराई करते रहते हैं, एक-दूसरे की कमी खोजते रहते हैं। आगे अपना महत्व कीमत बढ़ाने के लिए बैठकर के योजना बनाते रहते हैं। तो आप लोग समझो।

error: Content is protected !!