लखनऊ की जनता, पत्रकारों, बुद्धिजीवियों से बाबा उमाकान्त जी का आह्वान- करें देशभक्त, गुरुभक्त व नशामुक्त मानव समाज का निर्माण

जयगुरुदेव बाबा उमाकान्त जी के सानिध्य में भारत में लोकतंत्र सेनानियों का सबसे बड़ा और भव्य सम्मान

लखनऊ (उ.प्र.)(लखनऊ)। दो दिवसीय सतसंग एवं नामदान कार्यक्रम में बाबा उमाकान्त जी महाराज के दर्शनों के लिए इतनी तेज गर्मी में भी भक्तों का जनसैलाब उमड़ रहा है। महाराज जी भी आने वाले सभी श्रद्धालूओं को दर्शन दे रहे हैं, समस्या को सुन कर समाधान भी बता रहे हैं। महाराज जी ने लाखों भक्तों के अलावा शामिल हुई लखनऊ की जनता, पत्रकार एवं बुद्धिजीवियों से अपने आध्यात्मिक सन्देश में आह्वान किया कि आज देश में भारतीय संस्कृति और ईश्वरवादिता ख़त्म हो रही है। ये वही भारत है जिसे सोने की चिड़िया कहा जाता था, जहां श्रीराम, श्रीकृष्ण और नानकदेव जी जैसे महापुरुष और सन्त हुए लेकिन लोग अब उन्हें भूलते जा रहे है। आज आप लोगों को यही याद दिलाना है कि आपको एक दिन ये संसार छोड़ कर जाना है। ये सुख सुविधा कुछ काम आने वाली नहीं है। शरीर को मुक्ति तो श्मशान घाट में मिल जाती है लेकिन आत्मा को मुक्ति तब तक नहीं मिलती जब तक यह अपने असली घर सतलोक जयगुरुदेव धाम न पहुँच जाए। इसलिए वक़्त के सच्चे समरथ सन्त महात्मा ही जीवों को वो अमोलक रास्ता (नामदान) बताते हैं, जिससे उनका लोक और परलोक दोनों बन जाये।

गुरु दक्षिणा में अपनी बुराइयों को यहीं छोड़ जाओ

भारत में गुरु दक्षिणा की परम्परा रही है तो आप भी दे दो। लेकिन देना क्या है? ये समझ लो। आप गुरु दक्षिणा में अपनी बुराइयों को यही छोड़ जाओ। कोई ऐसा काम मत करो, जिससे किसी का दिल दुखे। अब तक जो आपने अंडा मांस मछली खाया, शराब और उसके जैसे बुद्धि नाशक नशे का सेवन किया, दूसरे की स्त्री के साथ बुरा कर्म किया, वो अब मत करना। “दया धर्म तन बसे शरीरा, ताकि रक्षा करे रघुवीरा”। अब तक जो जीव हत्या की उसे बंद करो और जीव हत्या वाला (मांसाहारी) भोजन न करने का संकल्प बनाओ। अंडा बेहद गंदी चीज़ है। न खाना न बच्चों को खिलाना। शराब में एक हजार बुराई है। ऐसे किसी भी नशे का सेवन मत करो जिसे पीने के बाद बुद्धि काम न करें और होश में न रह जाओ।

भगवान जिसे भी मिला इसी शरीर में जीते जी मिला

इस धरती पर जब लोग भगवान, मौत, सत्य, अहिंसा, परोपकार को भूलने लगते है और उस भूल को दूर करने के लिए किसी जानकार के पास नहीं जाते तो गलत काम करने लगते हैं जिससे और परेशान होते हैं। इसलिए समय के जीवित समरथ गुरु की ज़रूरत होती है। क्योंकि अगर वो भगवान मिलता है तो इसी मनुष्य शरीर में जीते जी मिलता है। मरने के बाद आज तक किसी को नहीं मिला। इसलिए उस प्रभु को याद करो। जब वो मिल जाएगा तो दुनियां की चीज़ें अपने आप मिल जाएंगी।

भारत का सबसे बड़ा लोकतंत्र सेनानी सम्मान

आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष करने वाले लोकतंत्र सेनानियों का भारत में सबसे बड़ा सम्मान समारोह बाबा उमाकान्त जी के सानिध्य में लखनऊ में आयोजित किया गया। इसमें लाखों लोगों के सामने लगभग 500 मीसा बंदियों को पदक पहनाकर, बाबा जयगुरुदेव संगत द्वारा सम्मानित किया गया। इससे पहले इंदौर, उज्जैन, पुष्कर (अजमेर) में भी बाबा उमाकान्त जी महाराज द्वारा लोकतंत्र सेनानियों का भव्य सम्मान किया गया था। इस अवसर पर पूज्य महाराज ने सभी लोकतंत्र सेनानियों से आह्वान किया कि आप लोग राष्ट्रवाद और जनकल्याण के लिए एक मत होकर जो भी ठोस योजना बनाएंगे, उसमें हम आपका साथ देंगे।

सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज द्वारा सतसंग, नामदान व सम्मान समारोह

14 जून 2023 प्रात 10 बजे से बुद्धिजीवी सम्मान समारोह (प्रबुद्ध नागरिक, अधिकारी, व्यापारी, सैनिक अधिकारी, अधिवक्ता, पत्रिका संपादक, विभिन्न धर्म गुरु का सम्मान भोज समारोह) व सायं 4 बजे से सतसंग एवं नामदान कार्यक्रम सामुदायिक भवन, ओ.एन.जी. कैंपस राजेंद्रनगर, देहरादून, उत्तराखंड 9837208440, 9412347861 में समय परिस्तिथि अनुकूल होने पर होगा

error: Content is protected !!