एमसीआर चप्पल और सेल्फ केयर किट से दिव्यांग कुष्ठ रोगियों को मिल रही राहत

एमसीआर चप्पल और सेल्फ केयर किट से दिव्यांग कुष्ठ रोगियों को मिल रही राहत

149 कुष्ठ रोगियों को एमसीआर चप्पल और 73 को दी गयी सेल्फ केयर किट

धनंजय पाण्डेय

कुशीनगर जनपद मे अगस्त कुष्ठ रोगियों की पहचान कर समय से इलाज करने के लिए कुष्ठ विभाग सतत प्रयत्नशील है।
चिन्हित कुष्ठ दिव्यांग रोगियों में से इस वर्ष 149 को माइक्रो सेलुलर रबर( एमसीआर) चप्पल तो 73 रोगियों को सेल्फ केयर किट दी गयीं, जिससे रोगियों को काफी राहत मिल रही है।
जिला कुष्ठ अधिकारी डाॅ.बीके वर्मा ने बताया कि कुष्ठ दिव्यांग रोगियों के पैरों में घाव न बने, चलने में कोई परेशानी न हो , इसके लिए मरीजों को एमसीआर चप्पल वितरित किया गया है। इसी प्रकार कुष्ठ दिव्यांग रोगियों के घाव की साफ-सफाई तथा संक्रमण को रोकने के लिए सेल्फ केयर किट दिया गया है, ताकि मरीज सेल्फ केयर किट से घाव की धुलाई करके मरहम पट्टी कर सके।
कुष्ठ रोग परामर्श दाता डाॅ. विनोद कुमार मिश्रा ने बताया कि कुष्ठ रोग आज भी समाज में छिपाया जाता है, जिसका कारण सामाजिक भ्रांतियाँ तथा कुष्ठ रोग के बारे में गलत जानकारियाँ है। कुष्ठ रोग खानदानी रोग नहीं है और न ही भूत भावना आदि से फैलता है. इससे निजात पाने के लिए समय समय पर कुष्ठ विभाग द्वारा गांवों, स्कूलों, हाट, बाजारों आदि में जागरूकता फैलाने के लिए इन्फार्मेशन एजुकेशन एंड कम्युनिकेशन ( आईईसी) प्रोग्राम चलाया जाता है, ताकि समाज में कुष्ठ रोग के प्रति अंधविश्वास तथा गलत धारणाओं को समाप्त किया जा सके।

उन्होंने कहा कि कुष्ठ एक रोग है जो माइक्रो बैक्टीरिया लेप्रे नामक जीवाणु द्वारा होता है। यह एमडीटी दवा से पूरी तरह से ठीक हो जाता है। यह एक दूसरे को सिर्फ छूने या हाथ मिलाने से नहीं फैलता है। लगातार संपर्क में रहने से ही इसका प्रसार होता है।

जिले में किया जा रहा हेल्दी कांट्रैक्ट सर्वे

कुष्ठ रोग जिला परामर्शदाता डाॅ विनोद कुमार मिश्रा ने बताया कि जिले में आशा बेस्ड सर्विलांस आफ लेप्रोसी सस्पेक्ट (एबसाल्स) कार्यक्रम के तहत आशा द्वारा उनके कार्य क्षेत्र में हेल्दी कांट्रैक्ट सर्वे किया जा रहा है, जिससे कुष्ठ रोगियों को जल्द से जल्द ढूंढा जा सके और उनका इलाज शुरू किया जा सके ताकि उनमें दिव्यांगता उत्पन्न न हो।

कुष्ठ रोग के लक्षण:
-चमड़ी बदरंग और चमड़ी में मोटापन हो।

  • चमड़ी का दाग जिसमें सुन्नापन हो।
    -दाग चकत्ता जिसमें पसीना न आता हो।
    -हाथ पैर के नसों में मोटापन, सूजन तथा झनझनाहट हो।
    -हाथ पैर की अंगूली में टेढ़ापन हो।
    -हाथ तथा तलवों में सुन्नपन हो।
    -घाव जो इलाज के बाद ठीक होता हो।

मिला किट और एमसीआर चप्पल

कसया क्षेत्र के एक गांव के एक 30 वर्षीय कुष्ठ रोगी ने बताया कि उसे स्वास्थ्य विभाग से एमसीआर चप्पल और सेल्फ केयर किट मिला है। एमसीआर चप्पल और सेल्फ केयर किट मिलने की बात उसी क्षेत्र के एक गांव के निवासी 62 वर्षीय एक व्यक्ति ने भी बताई।

दोनों कुष्ठ दिव्यांग रोगियों ने कहा कि यह बताया गया है कि चप्पल पहनने से पैर में घाव नही बनने पाता है और चलने में परेशानी नहीं होती है, जबकि सेल्फ केयर किट के माध्यम से घाव की साफ सफाई करने, दवा लगाकर मरहम पट्टी करने में मदद मिलती है। सेल्फ केयर किट में एंटी सेप्टिक लोशन, एंटी सेप्टिक क्रीम, रूई , पट्टी, कैंची, स्क्रबर तथा वैसलीन होता है।

इसी क्रम में सोमवार को सेवरही ब्लाॅक के ग्राम पंचायत हरिहरपुर मुसहर बस्ती में इंडियन रेडक्रास सोसाइटी तथा जिला कुष्ठ नाभिक टीम के समन्वय से लोगों को कुष्ठ रोग तथा व्यक्तिगत स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया।
जिला कुष्ठ अधिकारी डाॅ बीके वर्मा ने व्यक्तिगत स्वच्छता तथा जिला परामर्शदाता डाॅ विनोद कुमार मिश्रा ने रेडक्रास सोसाइटी द्वारा वितरित सामानों की उपयोगिता के बारे में विस्तार से बताया।
रेडक्रास सोसाइटी द्वारा वितरित स्वच्छता किट में साबुन, दंत मंजन, दंत ब्रश, तेल, रेजर तथा सैनेटरी पैड दिया गया।

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