FATEHPUR- अध्यापक पर बच्चों का यूनिफार्म बेचने का लगा आरोप, डीएम से शिकायत

अध्यापक पर बच्चों का यूनिफार्म बेचने का लगा आरोप, डीएम से शिकायत

यूपी फाइट टाइम्स
ठा. अनीष रघुवंशी

फतेहपुर। विजयीपुर विकासखंड के अंतर्गत शिवकंठ के डेरा में बने कम्पोजिट विद्यालय में अध्यापकों पर बच्चों का यूनिफार्म बेचने व फर्जी नामांकन करने का आरोप लगा है जिसकी शिकायत पूर्व में तैनात इंचार्ज प्रधानाध्यापक ने डीएम से की है ।
जानकारी के मुताबिक विजयीपुर विकासखंड के अंतर्गत शिवकंठ के डेरा में बने कम्पोजिट विद्यालय में पूर्व में तैनात इंचार्ज प्रधानाध्यापक प्रेमचंद सोनकर ने शिकायती पत्र देते हुए बताया कि विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापक मनोज कुमार मिश्र और राजकुमार ने विद्यालय में फर्जी तरीके से बच्चों के नामांकन कराएं हैं और सत्र 2020 – 21 के 20 जोड़ी विद्यालय में रखे यूनिफॉर्म चोरी से बेंच दिए हैं और वर्ष 2019 और 20 में 110 बच्चों की यूनिफॉर्म आई थी जिसमें से 56 बच्चों को वितरण करके 54 बच्चों का तो पैसे का भुगतान करा लिया गया था लेकिन यूनिफार्म वितरण नहीं किए गए थे शिकायत करते हुए शिकायत कर्ता ने यह भी बताया कि अध्यापक सप्ताह में एक-एक दिन आते हैं और एक दूसरे के हस्ताक्षर बना देते हैं और जब विद्यालय में अनुपस्थित किया जाता है तो अगले दिन सफेदा लगाकर हस्ताक्षर बना देते हैं मौजूदा सत्र में विद्यालय में 140 बच्चों का नामांकन है जिसमें से 70 बच्चों का फर्जी नामांकन है शिकायतकर्ता ने बताया कि इसकी शिकायत पिछले दिनों बीएसए से भी की गई थी शिकायतकर्ता ने शिकायती पत्र देते हुए यह भी बताया कि पिछले दिनों फर्जी तरीके से एमडीएम का एक वीडियो बनाकर मुझको निलंबित करा दिया गया था लेकिन इन दोनों अध्यापकों पर कार्यवाही नहीं की गई शिकायतकर्ता ने शिकायती पत्र देते हुए खंड शिक्षा अधिकारी पर भी मिलीभगत के आरोप लगाए आरोप लगाते हुए उन्होंने बताया कि यह सारा खेल खंड शिक्षा अधिकारी के इशारे पर किया जा रहा है और मना करने पर यह लोग गाली गलौज करते हैं शिवकंठ के डेरा में लापरवाही का यह पहला मामला नहीं है इससे पूर्व में भी एमडीएम के तहत बच्चों को घटिया भोजन परोसने का मामला सामने आया था जहां मिड डे मील में बच्चों को तहरी के नाम पर सूखा चावल उबालकर देने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसके बाद एक अध्यापक को निलंबित किया जा चुका है लेकिन ऐसे लापरवाह अध्यापकों पर कार्रवाई करने के बजाय जिम्मेदार इन्हें संरक्षण दे रहे हैं जो नौनिहालों के हक में भी डाका डाल रहे हैं ।
वही जब मामले को लेकर संबंधित अधिकारियों से संपर्क करना चाहा तो संबंधित अधिकारियों का फोन नहीं उठा ।

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