बेसलाइन सर्वे द्वारा बच्चो को चिन्हित कर शुरू करे निपुण विद्यालय बनाने का अभियान — डायट प्राचार्य महोदय

बेसलाइन सर्वे द्वारा बच्चो को चिन्हित कर शुरू करे निपुण विद्यालय बनाने का अभियान — डायट प्राचार्य महोदय

आज दिनाँक 10-10-2022 को बीआरसी सरसवाँ में आयोजित खंड शिक्षा अधिकारी – हैडमास्टर मीटिंग के दूसरे चरण में आदरणीय डायट प्राचार्य महोदय ने अपना अमूल्य मार्गदर्शन देकर सरसवाँ को पिछड़े ब्लॉक की श्रेणी से हटाने का आह्वान किया और जनपद में सबसे पहले निपुण ब्लॉक बनाने के खण्ड शिक्षा अधिकारी महोदय के प्रस्ताव को मूर्त रूप देने के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।

समस्त विद्यालयों के सभी कक्षा कक्ष मे 9 से 3 की समय सारिणी चस्पा हो गई है।
प्रत्येक विद्यालय मे घंटे का प्रयोग किया जा रहा है।घंटी 3 बार बजाई जाये, प्रार्थना की घंटी,। लंच की घंटी, छुट्टी की घंटी तथा सभी घंटिया कम से कम 30 सेकेण्ड से 1 मिनट तक बजाई जाये। इसके अतिरिक्त प्रत्येक पीरियड के समाप्त होने पर घंटी बजाई जाये। घंटी बजाने हेतु किसी को आदेश पंजिका मे नामित किया जाये।
प्रत्येक शिक्षक, शिक्षा मित्र एवं अनुदेशक द्वारा पीरियड वाइज शिक्षक डायरी बनाई जाये।
बलवाटिका से कक्षा 3 तक प्रत्येक कक्षा मे निपुण लक्ष्य, निपुण सूची एवं निपुण तालिका चस्पा हो जाये तथा तालिका की मैपिंग की जाये।
सभी अध्यापक, शिक्षा मित्र एवं अनुदेशक शिक्षक संदर्शिका के माध्यम से शिक्षण कार्य करें।
सभी अध्यापक शिक्षा मित्र अनुदेशक निपुण लक्ष्य ऐप डाउनलोड कर ले। ऐप के माध्यम से बच्चों का बेसलाइन सर्वे कर निपुण बच्चों तथा निपुण विहीन बच्चों का चिन्हनकन कर ले।
जो बच्चे निपुण नहीं है उनके सम्बन्ध मे स्पष्ट कार्ययोजना बनाकर उन्हें निपुण छात्र बनाये जाने की दिशा मे समर्पित प्रयास किये जाये।
प्रत्येक कक्षा कक्ष मे दीवाल घड़ी लगाई जाये जिससे बच्चे समय के महत्व को समझना सीखे, समय देखना सीखे तथा शिक्षक को यह पता हो कि अब उसका पीरियड समाप्त होने वाला है।
विद्यालय का भौतिक परिवेश आकर्षक बनाया जाये। इस वर्ष अभियान चलाकर विद्यालयों की बेहतरीन रंगाई पुताई कराई जाये।
प्रत्येक कक्षा कक्ष मे रीडिंग कार्नर तथा लर्निंग कार्नर विकसित करते हुए उसका नियमित प्रयोग किया जाये।
पुस्तकालय को सक्रिय किया जाये। प्रत्येक दिन को किसी कक्षा के साथ जोड़ते हुए उस दिन मे उस कक्षा के बच्चों को ही पुस्तके आवंटित की जाये। बच्चों मे पुस्तकालय के प्रति रूचि
विकसित की जाये।
खेलकूद सामग्री का भी पुस्तकालय की तरह ही बच्चों मे सामान रूप से आवंटन किया जाये।
विद्यालय मे बाल संसद का निर्माण कर बच्चों को दायित्व बोध कराया जाये। कक्षा मे मॉनिटर की व्यवस्था को जीवन्त किया जाये तथा प्रतिदिन के लिए मॉनिटर बदलते रहा जाये जिससे सभी बच्चों को अवसर की समानता का लाभ मिल सके।
प्रार्थना के उपरांत प्रतिदिन कम से कम 2 बच्चों के द्वारा किसी विषय पर स्पीच दिलवाई जाये। जिससे बच्चों के अंदर हिचकिचाहट की भावना का अंत हो सके।
प्रत्येक विद्यालय मे कम से कम एक दिन स्वच्छता के लिए दिया जाये। उस दिन समस्त स्टॉफ बच्चों के साथ मिलकर विद्यालय की साफ सफाई करें। जिससे बच्चों मे टीम भावना का विकास किया जा सके।
प्रधानाध्यापक संस्था प्रमुख है। उन्हें लीडरशिप लेनी होगी। विद्यालय मे समस्त स्टाफ समय से आये इसके लिए प्रधानाध्यापक को सबसे पहले विद्यालय पहुँचना होगा।
प्रधानाध्यापक को स्वयं भी कम से कम 2 पीरियड पढ़ाने होंगे तथा शिक्षक डायरी बनानी होगी तब जाकर वो अपने स्टॉफ से काम करा पाएंगे।
प्रधानाध्यापक द्वारा नियमित रूप से समस्त स्टाफ की शिक्षक डायरी का अवलोकन कर उसके द्वारा दर्शाये गई गतिविधि का रैंडम आधार पर कक्षा कक्ष मे जाकर परीक्षण किया जाये।
कुर्सी मुक्त कक्षा कक्ष बनाया जाये। शिक्षक खड़े होकर बच्चों को पढ़ाये।
TLM गतिविधि मे बच्चों की सहभागिता अनिवार्य रूप से हो।
कक्षा मे बच्चों को नाम से पुकारा जाये।
बच्चों से उनकी भाषा मे संवाद किया जाये जिससे बच्चों और शिक्षक के मध्य आत्मीय सम्बन्ध विकसित हो सके।
प्रतिदिन रेमेडीअल टीचिंग अवश्य कराई जाये। जहाँ कक्षा से अधिक शिक्षक तैनात है वहाँ पर उनके खाली पीरियड को कक्षा मे कमजोर बच्चों की अलग से रेमेडीअल टीचिंग कराई जाये।
छात्र उपस्थिति पर विशेष प्रयास किया जाये।
कक्षा कक्ष का वातावरण TLM युक्त बनाया जाये।
सबसे पहले 55 शिक्षक संकुल यह संकल्प ले कि वो सबसे पहले अपने विद्यालय को निपुण विद्यालय बनाएंगे।
प्रधानाध्यापक आगे आकर स्वयं से प्रस्तावित करें कि मेरे द्वारा सबसे पहले अपने विद्यालय को निपुण विद्यालय बनाया जायेगा। अभी तक केवल 2 विद्यालयों के हेडमास्टर द्वारा ऐसा साहस दिखाया गया है। उन दोनों विद्यालयों के हेडमास्टर को मेरी शुभकामनायें है कि वे अपने लक्ष्य मे सफल हो। जहाँ पर कठिनाई महसूस हो या स्टाफ सहयोग ना कर रहा हो BEO कार्यालय को जरूर अवगत कराया जाये।
प्रार्थना सत्र को संगीतमय, ररुचिकर एवं आकर्षक बनाया जाये।
बच्चों को कक्षा कार्य तथा गृह कार्य अवश्य दिया जाये। उसका मूल्यांकन भी किया जाये।
प्रधानाध्यापक द्वारा रैंडम बच्चों की कपियों का अवलोकन किया जाये।
विद्यालय मे स्टॉफ के मध्य इस समय बहुत लड़ाई झगडे हो रहे है जो IGRS के माध्यम से मुझ तक पहुँच रहे है। यह स्थिति कदापि स्वीकार्य नहीं है। जब तक विद्यालय मे टीम भावना नहीं होगी। समस्त स्टॉफ समर्पित होकर कार्य नहीं करेगा तब तक निपुण विद्यालय के लक्ष्य को प्राप्त करना असंभव है।
इस मौके पर समस्त प्रधानाध्यापक, शिक्षक संकुल एवं पांचों ARPआशुतोष शुक्ला,जयमंत शुक्ला,सुधांशु यादव,,प्राथमिक शिक्षक संघ उपाध्यक्ष देवेंद्र सिंह जी उपस्थित रहे।

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