ब्यूरो चीफ आर पी यादव
कौशाम्बी स्वच्छ भारत अभियान और स्वच्छता मिशन के तहत शौचालय भवन गड्ढे का निर्माण ग्राम प्रधानों के खाने कमाने का साधन बन चुका है और शौचालय निर्माण के लिए शासन से मिलने वाली सरकारी रकम लाभार्थियों को यह कहकर ग्राम प्रधान नहीं देते हैं कि रकम लेने के बाद भी लाभार्थी ने शौचालय भवन गड्ढा नहीं बनाया तो वह लाभार्थी का कुछ कर नहीं पाएंगे
और उनकी इन बातों में अधिकारी भी ग्राम प्रधानों का समर्थन कर देते हैं जिससे शौचालय भवन और गड्ढा निर्माण की पूरी रकम ग्राम प्रधान सेक्रेटरी के सहयोग से बैंक खातों से निकाल लेते हैं और फिर घटिया क्वालिटी के पीले पटसेम ईटों से शौचालय का निर्माण प्रधान खुद करवाते हैं इस बात की ओर किसी अधिकारी द्वारा ध्यान भी नहीं दिया जाता है जिसके चलते पीली ईंटों से शौचालय भवन के बनने के चलते ईटें खराब हो जाती है और गांव-गांव बनने वाले शौचालय भवन उपयोग लायक नहीं रह जाते हैं
जिससे ग्रामीण शौचालय का उपयोग नहीं कर पाते और इसी के चलते जिले में खुले में शौच मुक्त गांव घोषित कर देना महज दिखावा साबित हो रहा है इसकी सच्चाई जानने के लिए जब मंझनपुर विकासखंड के बैस काटी गांव में बन रहे शौचालय भवन का निरीक्षण कर सच्चाई देखी गई तो मालूम हुआ की गांव की राजकुमार की विधवा पत्नी संगीता देवी का जो शौचालय भवन ग्राम प्रधान द्वारा बनाया जा रहा है उसमें पटसेम सबसे घटिया क्वालिटी का ईट लगाया जा रहा है लेकिन घटिया क्वालिटी के ईट से बन रहे शौचालय भवन की ओर अभी तक किसी ने भी कार्यवाही की जहमत नहीं उठाई है