डा. अम्बेडकर सामाजिक और राजनीतिक आन्दोलन के पुरोधा थे:

सतीश गोयल

कौशाम्बी । डॉ भीम राव अम्बेडकर जन चेतना समिति के अध्यक्ष विद्द्यासागर और डी डी केशकर तत्वावधान में कौशाम्बी के भौतर गांव में डा. भीमराव अम्बेडकर जयंती की पूर्व संध्या पर विभिन्न प्रतियोगिताओं एव सांस्कृतिक कार्यक्रमो का आयोजन किया गया

कार्यक्रम में हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता गुरु प्रसाद मैदान जी ने ज्ञान के प्रतीक राष्ट्रनायक बोधिसत्व डा. बाबासाहेब भीमराव रामजी अम्बेडकर के जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये कहा कि अम्बेडकर का मानना था कि जीवन की तरह विचार भी नश्वर है। यदि विचारों का प्रचार-प्रसार नहीं होगा तो वह भी ठीक उसी तरह नष्ट हो जाएंगे जिस तरह बिना उचित देखरेख के पेड़-पौधे सूख जाते हैं। यह विचार उस महान मनीषी के है जिसे संसार ने तरह-तरह की उपाधियों से विभूषित किया किसी ने उन्हें विश्वरत्न की उपाधि दी तो किसी ने बोधिसत्व की।

राष्ट्रनायक बहुजनों के मुक्तिदाता परम पूज्य डा. बाबासाहेब भीमराव रामजी आम्बेडकर केवल ज्ञान के प्रतीक ही नहीं बल्कि वह भारतीय सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक आंदोलन के ऐसे पुरोधा है जिनका संपूर्ण जीवन दर्शन भारतवर्ष को एक राष्ट्र बनाने के लिये समर्पित रहा। उन्होंने कहा कि व्यक्ति की सामाजिक स्वतंत्रता ही सर्वोपरि है।

क्षेत्राधिकारी सिराथू ने कहा की बच्चो को बाबा साहब के जीवन पर घटी घटनाओं को जानना चाहिए और उनके बताए रास्तो पर चलना चाहिए संविधान की सीमाओं में रहकर आज हम सभी अपना अपना विकास कर रहे है।कार्यक्रम में आयोजित प्रतियोगिताओ में भाग लेने वाले को पुरस्कार वितरित किया गया मिशनिरी गायक अश्वनी कुमार ने अपने गीतों के माध्यम से लोगो में जागरूकता लाने का प्रयास किया ।

कार्यक्रम में शरद कुमार,सतीश गोयल,शिवलालकेसकर बृजेश प्रधान,अमरेन्द्र कुमार,राजू गौतम ,रोशन लाल आदि सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।

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