गायों को स्लॉटर हाउस में कटवाने वालों को कलयुग छोड़ेगा नहीं

शाकाहारी नशामुक्त हुए बिना किसी भी क्षेत्र में तरक्की संभव नहीं -बाबा उमाकान्त जी

कलयुग के मुंह से लोगों को निकालने की जरूरत है, कहीं निगल न जाए लोगों को

उज्जैन ( मध्य प्रदेश)
अपने प्रेमियों की टीम बना कर कलयुग को परास्त कर सतयुग आगमन का डंका बजाने वाले, कुदरत के कहर से पहले ही आगाह करने वाले, गौ सेवक, तरक्की के लिए अनिवार्य बुनियादी गुणों को याद दिलाने वाले, लोगों की जान बचाने में जुटे, इस समय के पूरे समरथ सन्त सतगुरु, परम दयालु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने उज्जैन आश्रम में आयोजित होली कार्यक्रम में 8 मार्च 2023 प्रातः दिए संदेश में बताया कि महापुरुषों ने अकेले परिवर्तन नहीं किया, अपने सहयोगियों को ज्ञान प्रेरणा दिया, ताकत भरे और उनसे काम कराया और किया। भगवान राम कृष्ण ने अपनी टीम बनाई थी, महात्माओं ने उपदेश के लिए अपने प्रेमियों को भेजा। कहने का मतलब अकेले काम नहीं होता है। आपको भी गुरु महाराज के मिशन में लगने की जरूरत है।

शिवजी अगर एक थपकी मार दे तो डेढ़-दो सौ मंजिलों के मकान का क्या हाल होगा?

बदलाव परिवर्तन तो चुटकी बजाने में हो जाएगा लेकिन अभी शिवजी महाराज बदलाव कर दें। एक थपकी ऐसे धरती पर मारे तो यह जो डेढ़-दो सौ मंजिल के मकान बना रहे हैं, उनका क्या हाल होगा? टिके तो इसी धरती पर हैं। अगर धरती में कंपन हो गया, रिक्टर सात-आठ का भूकंप आ गया तो क्या हाल होगा? परिवर्तन होने में देर नहीं लगती लेकिन मारना आसान है, बचाना कठिन है। कठिन काम करने पर ही नाम होता है। पसीना बहा करके लाये रूपये की कीमत होती है। इसी तरह से आप भी थोड़ी मेहनत कर लो।

गृहस्थी की तरफ से मन को हटा कर प्रचार करो

बदलाव आएगा, बहुत बड़ा परिवर्तन होगा लेकिन गुरु महाराज और हम भी यही चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग बच जाएं। इसीलिए प्रेमियों गृहस्थी की तरफ से थोड़ा सा मन को हटा कर लोगों में जागृति पैदा करने में, प्रचार करने में अपने मन को लगाओ, प्रचार करो।

शाकाहारी नशामुक्त हुए बिना किसी भी क्षेत्र में तरक्की संभव नहीं

शाकाहारी का प्रचार गुरु महाराज भी करवाते थे। शाकाहारी, नशे से मुक्त जब तक लोग नहीं होंगे तब तक कोई काम कर नहीं सकते हैं। इनकी तरक्की किसी भी क्षेत्र में नहीं हो सकती है। बल्कि ये पाप के भागीदार हो जाते हैं। पापी आदमी जहां भी हाथ लगाता है, वहीं वो फेल माना जाता है।

गायों को कटवाने वालों को कलयुग छोड़ेगा नहीं

पहले अज्ञानता में किसी से गाय, बैल, बछिया मर जाती तो उसका लोग मुंह नहीं देखते थे। कहते थे हत्या लग गई, इसका मुंह देखना पाप है, गाँव से निकाल देते थे। लेकिन अब तो स्लॉटर हाउस चलाने वाले, साल में हजारों लाखों गौ ह्त्या करवाने वाले बड़े आदमी माने जाते है, उन्ही करोड़पतियों की बगल में लोग बैठते हैं कि ये हमारे मंदिर मठ के लिए, हमारे जनहित कार्यों के लिए कुछ चंदा दे दें। यह है कलयुग का असर। तो समझ लो प्रेमियों! हर युग हमेशा नहीं रहा है। सतयुग त्रेता द्वापर आये, चले गए। अब क्या ये आया हुआ कलयुग हमेशा रहेगा? नहीं रहेगा। कलयुग भी जाएगा लेकिन कलयुगी लोगों को छोड़ेगा नहीं, अपने साथ रगड़ाई करता हुआ ले जाएगा। समझ लो काल के मुंह से उनको निकालना है।

कलयुग के मुंह से लोगों को निकालने की जरूरत है, कहीं निगल न जाए

कभी ऐसा भी हुआ कि जैसे शेर ने आदमी को पकड़ लिया, हकवा लग गया, एकदम से आदमी पहुंच गए तब शेर छोड़ करके भाग जाता है, जान बच जाती है। कलयुग इस समय पर अपने प्रभाव में, शेर जैसा हो रहा है। कलयुग के मुंह से लोगों को निकालने की, बचाने की जरूरत है। ये लोगों को यह निगल न जाए। यह तभी होगा जैसे हकवा लगा, 20-25 लोग ढोल थाली पीटते हुए आ गए तो शेर डर जाता है। आदमी से शेर डरता है। आदमी के डरने पर तब शेर हमला करता है। ऐसे ही यदि आप, कलयुग से घबराते रहोगे कि ये कलयुगी है, हमसे नाराज हो जाएंगे, ये कलयुग के हिसाब से काम करते हैं, ये हमारा कुछ बिगाड़ देंगे, उनको खुश करने में लग जाओगे कि ये हमको कुछ दे देंगे तब तो वही हावी रहेंगे।

बचाने का उपाय

और जब आप डरोगे नहीं और जब ऐसा बताओगे- हाथ जोड़कर बिनय हमारी, तजो नशा बनो शाकाहारी। छोड़ो व्यभिचार बनो ब्रह्मचारी, सतयुग लाने की करो तैयारी। तब आदमी सोचेगा। अगर यह कहोगे कि मर जाओगे, मिट जाओगे, कलयुग तुमको लेकर चला जाएगा, तुमको अपना मुंह में दबा लेगा तो नाराज तो होगा ही होगा। कहने का भी तरीका होता है। जब हाथ जोड़ोगे, सही बात कहोगे, कड़ा नहीं बोलोगे तो लोग सोचेंगे कि ये हाथ जोड़ रहा है, हमारे भले के लिए कह रहा है तब तो खड़ा होकर आपको सुनने लगेगा।

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