राजस्थानी मायड भाषा को जल्द मिले संविधान की 8वीं अनुसूची में मान्यता – सांसद भागीरथ चौधरी

नई दिल्ली
ललित दवे

सांसद चोधरी ने इस सम्बन्ध में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला से आज की मुलाकात।
अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी ने लोकसभा बजट सत्र के दौरान आज लोकसभा में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिले और राजस्थानी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूचि में जल्द सम्मिलित कर संवैधानिक मान्यता दिलाने की पुरजोर मांग रखी, सांसद चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष से चर्चा कर बताया कि आज हमारे राजस्थान प्रदेश के 10 करोड़ लोग जो राजस्थानी भाषा को अपने दैनिक बोलचाल में उपयोग करते है पिछले 70 वर्षाे से अपनी मायड़ भाषा राजस्थानी को संवैधानिक दर्जा दिलाने के लिए प्रयत्नशील है । जिसके लिए गत वर्षों में विधानसभा से लेकर राज्यसभा एवं लोकसभा में चर्चा भी हो चुकी है, समय समय पर धरने प्रदर्शन के साथ – साथ संगोष्ठियों का आयोजन भी किया जा चुका है, लेकिन राजनीतिक इच्छा शक्ति की कमी के कारण यह मुद्दा आज तक कागजों तक ही सीमित है।

भारत के सबसे बडे प्रदेश में बोली जाने वाली इस भाषा का अपना समृद्ध इतिहास एवं साहित्य है। पडौसी देश नेपाल में तोे राजस्थानी भाषा में शपथ लेने की छुट भी है। हमारी राजस्थानी भाषा राजस्थान के आमजन की भाषा है इसे संवैधानिक मान्यता मिलने पर राष्ट्रभाषा हिन्दी और मजबूत होगी यह इसकी पूरक भाषा ही है, साथ ही इसकी लिपि भी देवनागरी है जो कि संविधान में मान्यता प्राप्त एकाधिक भाषाओं की लिपि भी है। एक और जहां विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा भी मान्यता प्राप्त होने से भी प्रदेश के कई विश्वविद्यालयों में इस भाषा के साहित्य में एमफिल एवं पीएचडी शोध कार्य हो रहे है तो दूसरी ओर आकाशवाणी और विभिन्न चैनलों पर प्रतिदिन राजस्थानी भाषा में समाचार प्रकाशित होते है। देश मे हिन्दी भाषा को छोडकर सिर्फ 4 भाषाएं यथा बांग्ला, मराठी, तमिल एवं तेलगू ही ऐसी है जिनको बोलने वालों की संख्या राजस्थानी से अधिक है जबकि देश की बहुत कम बोली जाने वाली भाषाएं भी आज संविधान की आठवंी अनुसूची में सम्मिलित है। जिसके चलते राजस्थान प्रदेश के हम वाशिंदों को अपनी मायड़भाषा को संवैधानिक मान्यता नहीं दिए जाने से असंतोष हो रहा है। ज्ञात रहे कि वर्तमान में हमारे देष में 22 भाषाएं 8 वीं अनुसूचि में शामिल हो चुकी है परन्तु राजस्थानी भाषा को अभी तक शामिल नही किया गया है, जबकि राजस्थानी भाषा को विष्वस्तर की भाषा का दर्जा प्राप्त है? ज्ञात रहे कि अमेरीकी संसद व्हाईट हाउस में पत्र व्यवहार हेतु जिन 25 भाषाओं को मान्यता प्रदान की गई है, उनमें राजस्थानी भाषा भी सम्मिलित है। अतः राजस्थान की कोटि कोटि जनता अपनी मातृभाषा को संवैधानिक मान्यता मिलने की चाह मंे हैए सांसद चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया कराजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में सम्मिलित कर करोड़ो राजस्थानियों को अपनी समृद्ध भाषा के विकास की राह प्रदान करावे ताकि राजस्थान प्रदेश की भावनाओं को उचित सम्मान मिल सके। इस संबंध में पत्र भी दिया

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