केंद्रीय बजट 2023 में समाहित है भारत को आर्थिक महाशक्ति का विजन

देश दुनिया में भारत की मजबूत छवि पेश करने में सहायक साबित होगा केंद्रीय बजट 2023, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र को लाभकारी बनाने के लिए किए गए हैं विशेष प्रावधान

गौरव गोयल की रिपोर्ट

  • कैलाश चौधरी, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री, भारत सरकार!

भारत की आजादी के 75वें वर्ष में पूरी दुनिया ने यह भलीभांति स्‍वीकार कर लिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत देश और उसकी अर्थव्‍यवस्‍था एक ‘चमकता सितारा’ है क्‍योंकि कोविड-19 और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक स्‍तर पर व्‍यापक सुस्‍ती दर्ज किए जाने के बावजूद भारत की आर्थिक विकास दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो कि सभी प्रमुख अर्थव्‍यवस्‍थाओं में सर्वाधिक है। यही बात केन्‍द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी, 2023 को संसद में केन्‍द्रीय बजट 2023-24 पेश करते हुए कही। इसके बाद माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी बजट की समीक्षा करते हुए कहा था कि भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था बिल्‍कुल सही पथ पर बड़ी तेजी से आगे बढ़ रहा है और मौजूदा समय में तरह-तरह की चुनौतियां रहने के बावजूद भारत उज्‍ज्‍वल भविष्‍य की ओर अग्रसर है।

बजट 2023-24 के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की ओर से यह प्रतिबद्धता जताई गई कि गांव, गरीब, मजदूर एवं किसान के हित में यह सरकार पहले दिन से कार्य कर रही है और लगातार करती रहेगी। साथ ही कोविड-19 महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी व्‍यक्ति भूखा न रहे, जिसके लिए सरकार ने 80 करोड़ से भी अधिक लोगों को मुफ्त अनाज मुहैया कराने की विशेष योजना 28 महीनों तक चलाई। खाद्य एवं पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केन्‍द्र की प्रतिबद्धता को जारी रखते हुए सरकार 1 जनवरी, 2023 से पीएम गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना के तहत सभी अंत्‍योदय एवं प्राथमिकता वाले परिवारों को मुफ्त अनाज मुहैया कराने की योजना चला रही है जो अगले एक साल तक जारी रहेगी। केन्‍द्र सरकार द्वारा ही कुल मिलाकर लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का समूचा खर्च वहन किया जाएगा।

वर्ष 2014 से ही निरंतर जारी सरकारी प्रयासों के तहत सभी नागरिकों के लिए बेहतर जीवन स्‍तर और सम्‍मानित जीवन सुनिश्चित किया गया है, और इसके साथ ही प्रति व्‍यक्ति आय दोगुनी से भी अधिक होकर 1.97 लाख रुपये हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इन 9 वर्षों में भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था का आकार काफी विशाल हो गया है और वह दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था से काफी आगे निकलकर अब 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था बन गई है। इसके अलावा, देश की अर्थव्‍यवस्‍था में औपचारिकरण काफी बढ़ गया है जैसा कि ईपीएफओ की बढ़ती सदस्‍यता से स्‍पष्‍ट होता है जो कि दोगुनी से भी अधिक होकर 27 करोड़ हो गई है, और इसी तरह वर्ष 2022 में यूपीआई के जरिए 126 लाख करोड़ रुपये के कुल 7400 करोड़ डिजिटल भुगतान हुए हैं।

सबका साथ, सबका विकास के सरकार के सिद्धांत ने विशेष रूप से किसानों, महिलाओं, युवा लोगों, अन्‍य पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, दिव्‍यांगजनों और आर्थिक रूप से कमजोर तबकों यानी सभी वंचितों को वरीयता देते हुए समावेशी विकास को संभव किया है। जम्‍मू और कश्‍मीर, लद्दाख और पूर्वोत्‍तर पर भी निरंतर ध्‍यान दिया गया है। यह बजट उन प्रयासों को आगे बढ़ा रहा है। साथ ही अनेक कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावकारी कार्यान्‍वयन और सभी लोगों को लक्षित लाभ देने की बदौलत समावेशी विकास सुनिश्चित हुआ है। वित्त मंत्री ने कुछ योजनाओं का उल्‍लेख किया जैसे कि स्‍वच्‍छ भारत मिशन के तहत 11.7 करोड़ घरेलू शौचालय बनाए गए, उज्‍ज्‍वला के तहत 9.6 करोड़ एलपीजी कनेक्‍शन दिए गए, 102 करोड़ लोगों को कोविड टीके की 220 करोड़ खुराक दी गई, 47.8 करोड़ पीएम जन-धन बैंक खाते खोले गए, पीएम सुरक्षा बीमा और पीएम जीवन ज्‍योति योजना के तहत 44.6 करोड़ लोगों को बीमा कवर दिया गया, और पीएम किसान सम्‍मान निधि के तहत 11.4 करोड़ से भी अधिक किसानों को 2.2 लाख करोड़ रुपये का नकद हस्‍तांतरण किया गया।

खेती किसानी को लाभकारी क्षेत्र बनाने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए फसलों के नियोजन और स्‍वास्‍थ्‍य के लिए उपलब्‍ध सूचना सेवाओं, फार्म इनपुट के प्रति बेहतर सुलभता, ऋण एवं बीमा, फसल आकलन, बाजार की जानकारी और कृषि प्रौद्योगिकी उद्योग के विकास को समर्थन और स्‍टार्ट-अप्‍स को मदद के माध्‍यम से एक समावेशी किसान केन्द्रित समाधान संभव हो पाएगा। एक कृषि वर्धक निधि स्‍थापित की जाएगी, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं को कृषि-स्‍टार्ट-अप्‍स शुरू करने के लिए प्रोत्‍साहन मिल सके। इस निधि का उद्देश्‍य किसानों के सामने आ रही चुनौतियों का नवोन्‍मेषी एवं किफायती समाधान उपलब्‍ध कराना है। यह कृषि पद्धतियों को बदलने, उत्‍पादकता और लाभप्रदता के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकियां लेकर आएंगे। सरकार 2,200 करोड़ रुपये के परिव्‍यय से उच्‍च गुणवत्‍ता वाली बागवानी फसलों के लिए रोगमुक्‍त गुणवत्‍तापूर्ण पौध सामग्री की उपलब्‍धता बढ़ाने के लिए आत्‍मनिर्भर स्‍वच्‍छ पौध कार्यक्रम का शुभारंभ करेगी।

  • लेखक भारत सरकार में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री है।
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